विश्व शांति, देश के चहुमुखी विकास और देवभूमि उत्तराखंड की सुख शांति और समृद्धि की मंगल कामना के साथ आज माता वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर टपकेश्वर महादेव देहरादून में आयोजित विशेष गुप्त नवरात्रि पूजा अनुष्ठान की पूर्णाहूति दी गई। मंदिर के संस्थापक आचार्य डा0 बिपिन जोशी ने कहा नवरात्रि साल में चार बार आती हैं, प्रचलन में बासंतिक( चैत्र नवरात्रि) और शारदीय नवरात्रि (आश्विन मास) ही हैं, किंतु आषाढ़ मास और माघ मास में गुप्त नवरात्रि होती हैं, साधक लोग इस अवसर पर विशेष साधना अनुष्ठान करते हैं, अभी माघ मास के गुप्त नवरात्रि का अनुष्ठान पुर्ण किया गया।
विशेष पूजा अर्चना के साथ साथ, दुर्गा सप्तशती पाठ के साथ माता रानी का विशेष श्रृंगार और आरती की गई विश्व शांति, देश के चहुमुखी विकास और देवभूमि उत्तराखंड की सुख शांति और समृद्धि की मंगल कामना के साथ आज माता वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर टपकेश्वर महादेव देहरादून में आयोजित विशेष गुप्त नवरात्रि पूजा अनुष्ठान की पूर्णाहूति दी गई। मंदिर के संस्थापक आचार्य डा0 बिपिन जोशी ने कहा नवरात्रि साल में चार बार आती हैं, प्रचलन में बासंतिक( चैत्र नवरात्रि) और शारदीय नवरात्रि (आश्विन मास) ही हैं, किंतु आषाढ़ मास और माघ मास में गुप्त नवरात्रि होती हैं, साधक लोग इस अवसर पर विशेष साधना अनुष्ठान करते हैं, अभी माघ मास के गुप्त नवरात्रि का अनुष्ठान पुर्ण किया गया।
विशेष पूजा अर्चना के साथ साथ, दुर्गा सप्तशती पाठ के साथ माता रानी का विशेष श्रृंगार और आरती की गईविश्व शांति, देश के चहुमुखी विकास और देवभूमि उत्तराखंड की सुख शांति और समृद्धि की मंगल कामना के साथ आज माता वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर टपकेश्वर महादेव देहरादून में आयोजित विशेष गुप्त नवरात्रि पूजा अनुष्ठान की पूर्णाहूति दी गई। मंदिर के संस्थापक आचार्य डा0 बिपिन जोशी ने कहा नवरात्रि साल में चार बार आती हैं, प्रचलन में बासंतिक( चैत्र नवरात्रि) और शारदीय नवरात्रि (आश्विन मास) ही हैं, किंतु आषाढ़ मास और माघ मास में गुप्त नवरात्रि होती हैं, साधक लोग इस अवसर पर विशेष साधना अनुष्ठान करते हैं, अभी माघ मास के गुप्त नवरात्रि का अनुष्ठान पुर्ण किया गया। विशेष पूजा अर्चना के साथ साथ, दुर्गा सप्तशती पाठ के साथ माता रानी का विशेष श्रृंगार और आरती की गई इस अवसर पर एडवोकेट नितिन काला, डा परीक्षित काला, अक्षत काला, डा सरस्वती काला, सुमित अत्री, प्रो एस पी काला, डा अनीता काला, पण्डित गणेश विजलवान, पण्डित अरविन्द बडोनी आदि उपस्थित रहे।