चंडीगढ़ मेयर चुनाव के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उत्साहित कांग्रेस ने इसे राजनीतिक मुद्दा बना दिया है। कांग्रेस ने सीधे सीधे बीजेपी पर वोटों की चोरी का आरोप लगाया। उत्तराखंड में देहरादून महानगर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव के मामले में सुप्रीम कोर्ट से बीजेपी को सुप्रीम झटका लगा है। साथ ही साफ हो गया कि बीजेपी किस तरह वोटों की चोरी कर अपने हारे हुए प्रत्याशियों को जिताने का काम करती है। सीधे तौर पर बीजेपी लोकतंत्र की हत्या करने में तुली है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी घिनौनी चाल का पर्दाफाश कर दिया और आम आदमी पार्टी व कांग्रेस के संयुक्त मेयर प्रत्याशी कुलदीप कुमार को मेयर घोषित कर दिया।
लालचंद शर्मा ने कहा कि मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अभूतपूर्व फैसला सुनाते हुए आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को मेयर घोषित कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव अधिकारी की ओर से रद्द किए गए आठ वोटों को सही माना। इसके बाद कुलदीप कुमार को मेयर घोषित किया गया। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव के बाद एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को आप प्रत्याशी के पक्ष में डाले गए वोट को खराब करने की मंशा से बैलेट पेपर्स पर निशान लगाते हुए देखे गए। साथ ही इन आठ वोटों को रद्द करते हुए बीजेपी के प्रत्याशी को विजयी घोषित कर दिया था। वोटों की इस चोरी के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया। साथ ही निर्वाचन अधिकारी को दोषी करार दिया।
कांग्रेस नेता लालचंद शर्मा ने कहा कि बीजेपी को तो पूरा भरोसा था कि चुनाव दोबारा होंगे। ऐसे में बीजेपी ने पार्षदों की संख्या बढ़ाने के लिए आप के तीन पार्षदों को अपने पाले में मिला लिया। बीजेपी की ये रणनीति भी काम नहीं आई और उसे लोकतंत्र के स्तंभ न्यायपालिका से मुंह की खानी पड़ी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपी के गाल पर तमाचा साबित हुआ। उन्होंने कहा कि अब जगजाहिर हो गया कि है कि चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में सारेआम मतपत्रों को खराब कर जीते हुए उम्मीदवार को हराने का काम बीजेपी ने किया। ऐसी धांधली करने के बाद भी बीजेपी बेशर्मी से खड़ी रही। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने पूरे देश और दुनिया के सामने बीजेपी की पोल खोल कर रख दी।
उन्होंने कहा कि इस बार के चुनाव में बीजेपी की काली करतूत कैमरे में रिकार्ड हो गई थी। साथ ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि पहले भी ऐसी धांधली होती आ रही होगी। ईवीएम पर भी सुप्रीम कोर्ट के वकील सवाल उठा रहे हैं। क्योंकि जब कैमरे के सामने ही बीजेपी के नेता चुनाव अधिकारी बनकर लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने का दुस्साहस कर सकते हैं, तो ईवीएम को लेकर भी सवाल उठने लाजमी हैं।
लालचंद शर्मा ने कहा कि भाजपा ने सत्ता का दुरुपयोग कर पिछले दस वर्षों में चुनाव प्रणाली को पंगु बना दिया है। बेशर्मी से चुनाव आयुक्तों के चयन की पारदर्शी प्रक्रिया जो सुप्रीम कोर्ट ने तय की थी, उसको भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मोहताज़ बना दिया है। उन्होंने कहा कि अब इंडिया गठबंधन को डट कर लोकतंत्र बचाने की मुहीम देशभर में चलानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यदि पीएम नरेंद्र मोदी में थोड़ी बहुत ईमानदारी बची है तो उन्हें इस पर भी अपना मुंह खोलना चाहिए।