हजारों बेरोजगार मुख्यमंत्री आवास कूच करने के लिए परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए

बेरोजगारों को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया था । पुलिस द्वारा एस्ले हॉल चोक , सचिवालय और राजपुर रोड़ के सारे रास्तों पर बैरिकेडिंग लगाकर कर नाकेबंदी की गई । बेरोजगारों ने सचिवालय के निकट सड़क पर ही बैठकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उत्तराखंड बेरोजगार संघ के नेतृत्व में सैकड़ों बेरोजगार आचार संहिता लागू होने से पूर्व उत्तराखंड लोक सेवा आयोग एवम अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में गतिमान समस्त भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण करने , दोनों आयोगों में विभिन्न विभागों से पहुंचे अधियाचनों पर तत्काल विज्ञापन जारी करने , पुलिस कांस्टेबल के 387 पदों पर वेटिंग लिस्ट जारी करने तथा 1550 पदों पर नया विज्ञापन जारी करने, बहुल संवर्ग भर्ती परीक्षाओं की प्रतीक्षा सूची जारी करने, जेई भर्ती परीक्षा का विज्ञापन , प्राथमिक अध्यापक ,सहायक अध्यापक,व्यायाम अध्यापक ,प्रवक्ता(माध्यमिक शिक्षा) , पॉलीटेक्निक प्रवक्ता तथा बीआरसी एवम सीआरसी के 955 पदों पर स्थाई नियुक्तियों के लिए विज्ञापन , लोअर एवम अपर पीसीएस भर्ती विज्ञापन तथा कनिष्ठ सहायक के 500 पदों पर विज्ञापन जारी जारी करने सहित अन्य मांगों को लेकर हजारों बेरोजगार प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए परेड ग्राउंड से मुख्यमंत्री आवास कूच करने के लिए निकले किंतु पुलिस द्वारा राजपुर रोड के सारे रास्ते बंद कर सचिवालय के निकट ही रोक लिया गया।

उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि उत्तराखण्ड के विभिन्न विभागों में 65000 पद रिक्त चल रहे हैं तथा सरकार एवं विभागीय मंत्रियों द्वारा विभिन्न मंचों से रिक्त पदों पर विज्ञापन जारी करने की बातें कही गयी किंतु धरातल पर कुछ दिखाई नहीं देता । संभवतय आगामी 10 मार्च 2024 से आचार संहिता लागू होने में बहुत कम समय शेष है लेकिन उत्तराखंड लोक सेवा आयोग एवं अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा नए विज्ञापन जारी नहीं किए जा रहे हैं तथा जिन भर्ती परीक्षाओं के परीक्षा परिणाम लंबित हैं , जारी नहीं किए जा रहे हैं साथ ही जिन भर्ती परीक्षाओं के अंतिम परिणाम जारी किए गए हैं उन्हें नियुक्तियों का इंतजार करना पड़ रहा है। उत्तराखंड बेरोजगार संघ के उपाध्यक्ष राम कंडवाल ने सरकार की कथनी और करनी पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि सरकार झूठे आंकड़े प्रस्तुत कर बेरोजगारों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है जब कि हकीकत कुछ और है।

लंबे समय से दोनों आयोगों में विभिन्न विभागों के अधियाचन फाइलों में धूल झांक रहे हैं किंतु आयोग विज्ञापन जारी नहीं कर रहे हैं हजारों बेरोजगार नए विज्ञापनों का इंतजार कर रहे हैं जिसमें सहायक अध्यापक ,प्रवक्ता , पुलिस कांस्टेबल ,कनिष्ठ सहायक,पॉलीटेक्निक प्रवक्ता सहित अन्य पद सम्मिलित हैं । उत्तराखंड बेरोजगार संघ के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश सिंह ने कहा कि प्रदेश के महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती प्रक्रिया में API पद्धति को समाप्त कर लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार के आधार पर चयन किया जाए एवं दोनो परीक्षाओं का अनुपात 90:10 में हो। तथा प्रवक्ता संवर्ग के पदों में स्क्रीनिंग परीक्षा को हटाकर सिर्फ विषय आधारित परीक्षा कराई जाए।

उत्तराखंड बेरोजगार संघ के प्रदेश सह संयोजक सुशील कैंतूरा ने कहा कि प्रदेश सरकार बेरोजगारों से सहमी हुई है इसीलिए सरकार को युवाओं को रोकने के लिए 5- 5 स्थानों पर बैरिकेडिंग लगाने की नौबत आ रही है।प्रदेश संयोजक जेपी ध्यानी ने कहा कि परीक्षा कैलेंडर के तहत ही प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित कराई जाएं तथा निश्चित समय सीमा के अंतर्गत भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए बाहरी व्यक्तियों को पूर्णतः दूर रखा जाए जिससे प्रदेश के मूल युवाओं को रोजगार के प्रयाप्त अवसर प्रदान हो सके। बाद में उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्युष सिंह द्वारा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में वार्तालाप कर मंगलवार तक विज्ञापन जारी कराने के आश्वासन पर बेरोजगार शांत हुए। उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि यदि मंगलवार तक विज्ञापन जारी नही होते तो बुधवार को आयोग में तालाबंदी की जाएगी।

इस दौरान उत्तराखंड बेरोजगार संघ के कुमाऊं संयोजक भूपेंद्र कोरंगा ,सहसयोजक सचिन उपाध्याय, सदस्य विशाल चौहान, जसपाल चौहान,सुनील सिंह,अखिल तोमर,नवीन चौहान ,संजय सिंह ,युवराज सिंह,अरविंद पंवार,रमेश तोमर,आयुष राणा सहित हजारों युवा मौजूद रहे।

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