उत्तराखंड के इतिहास मे पहली बार उत्तराखंड के राज्य खेल फुटबाल पर बनी शार्ट डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म “जर्नी ऑफ़ फुटबॉलर विरेन्द्र सिंह रावत” जिसमें उत्तराखंड के रियल फुटबाल हीरो, पूर्व नेशनल खिलाडी, कोच और रेफरी, अनगिनत इंटरनेशनल, नेशनल और स्टेट अवार्ड से सम्मानित, राज्य आंदोलनकारी, पूर्व विधायक प्रत्याशी विरेन्द्र सिंह रावत के जीवन पर बनाई गईं फ़िल्म को नॉमिनी किया गया 14वॉ दादा साहेब फाल्के ( फादर ऑफ़ इंडियन सिनेमा ) फ़िल्म फेस्टिवल 2024 के लिए चुना गया है फ़िल्म फेस्टिवल का आयोजन 30 अप्रैल 2024 को दादा साहेब फाल्के जी के जन्मदिन पर आयोजित होगा जिनको भारतीय सिनेमा का भीष्म पितामहा कहा जाता है फाल्के जी का जन्म 30 अप्रैल 1870 को महाराष्ट्र के नाशिक मे हुवा था और मृत्यु 16 फरवरी 1944 को हुई थी भारत मे फ़िल्म की सुरुवात फाल्के जी के द्वारा ही की गयी जिसके लिए उनको भारतीय सिनेमा का भीष्म पितामहा कहा जाता है.
उन्होंने अधिकतर धार्मिक फ़िल्म बनाई थी उनके द्वारा बनाई गयी 125 फ़िल्म थी उनकी पहली फ़िल्म राजा हरिश्चन्द्र थी फाल्के जी ने पूरा जीवन फिल्मों के लिए समर्पित किया हुवा था इसलिए उनके नाम से प्रतेक वर्ष दादा साहेब फाल्के फ़िल्म फेस्टिवल अवार्ड दिया जाता है, हीरो,हीरोइन, फ़िल्म, डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म आदि को, बेहतरीन फिल्मों के डायरेक्टर, निदेशक आदि को सम्मानित किया जाता है. विरेन्द्र सिंह रावत डॉक्यूमेंट्री के निदेशक है और निर्माता एवं वॉइस ओवर स्वयं विरेन्द्र सिंह रावत की बड़ी पुत्री प्रियांशी रावत है फ़िल्म मे एक्टिंग उनकी धर्मपत्नी श्रीमती गीता रावत, बेटी, भाई बहनों आदि ने रोल किया है.
फ़िल्म मे रावत के जीवन का संघर्ष दिखाया गया और बताया की किस तरह अपने ही मित्र किस तरह पीठ पर छुरा घोपकर कई वर्षो की दोस्ती और चंद पैसो के लालच मे इतना गिर जाते है की रावत को जेल की हवा तक खिला देते है रावत ने राज्य खेल फुटबाल के उचित विकास के लिए नौकरी छोड़ी, कर्ज लिया, जमीन बेचीं, जेल गया, शोषण सहा, कई बार घायल हुवा लेकिन हार भी नहीं मानी 25 साल से लगभग 27000 से ऊपर खिलाडी, कोच और रेफ्रीयों को लगातार उत्तराखंड के 5 साल से लेकर ओपन ऐज के बालक, बालिकाओं को निशुल्क कोचिंग देकर उनका भविष्य बना रहे है. आज कई खिलाडी भारतीय टीम मे अपना जलवा बिखेर रहे है फ़िल्म मे दिखाया गया है की किस तरह कई संघर्षो के बाद ये मुकाम पाया है
फ़िल्म 2021 मे बनी थी जिसको 2021 मे भारत के फेमस गोवा इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल मे बेस्ट डॉक्यूमेंटी फ़िल्म का अवार्ड मिला था जिसके कारण रावत जी का नाम उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के करेंट अफेयर्स मे नाम दर्ज हुवा है रावत को इससे पूर्व भी नेशनल फ़िल्म अवार्ड और देहरादून इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल 2022 मे भी बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म अवार्ड पूर्व उत्तराखंड पुलिस के ए डी जी आई पी एस श्री अशोक कुमार जी एवं फ़िल्म जगत के डायरेक्टर और एक्टर द्वारा सम्मानित किया जा चूका है, रावत को मुंबई यूनिवर्सिटी के द्वारा ऑनरेबल पी एच डी ( मनेजमेंट विद स्पेशल रिफरेन्स टू फुटबाल ) डिग्री से सम्मानित किया जा चूका है
फ़िल्म को यूटूब मे अभी तक 2500 लोग देख चुके है और सभी ने रावत के संघर्ष को सलूट किया है और कहा की ये शार्ट फ़िल्म सभी आम जनमानस के लिए प्रेरणा दायक है, मोटिवेट करती है हर इंसान को की हार के बाद ही जीत हैसंघर्ष से हार नहीं माननी चाहिए आज भी रावत 55 साल की उम्र मे भी आज के युवाओं के लिए एक मिशाल है युवा जैसा पूर्ण जोश है फिटनेस पर हमेशा ध्यान रखते है और समाज को भी शोशल मिडिया के द्वारा जागरूक भी करते है, नशे से दूर रहने के लिए कहते है रावत ने दादा साहेब फाल्के फ़िल्म फेस्टिवल नॉमिनी पत्र मेल के द्वारा आयोजक श्री ज्योति सिंह, ग्रेटर नौएडा, वेगमानस सिग्नेचर टॉवर, 12 फ्लोर, नॉलेज पार्क 3, दिल्ली एन सी आर से प्राप्त हुवा है 30 अप्रैल को फ़िल्म इंडस्ट्रीज के बड़े बड़े कलाकार, निदेशक, निर्माता समस्त चुने गईं फिल्मों के कलाकार, निदेशक और निर्माता को सम्मानित करेंगे
रावत ने तह दिल से धन्यवाद दिया और कहा पहली बार कोई रियल लाइफ मे वो भी खेल पर बनी डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म का चुना जाना, रावत की बड़ी बेटी के द्वारा फ़िल्म रोल और निर्माता किया गया है स्क्रिप्ट जे पी कंसवाल जी के द्वारा लिखी गयी है
सभी से अनुरोध किया है की इस 12 मिनट की बनी फ़िल्म को लाइक और शयेर जरूर करे