राजधानी के मुख्य अस्पतालों में सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है एक तरफ जहां सरकार के मुखिया इन अस्पतालों में निशुल्क दवाई वितरण की बात करते हैं वहीं दूसरी ओर अस्पताल के डॉक्टर अधिकतर दवाइयां ऐसी लिखते हैं जो अस्पताल में मौजूद नहीं रहती है जिस कारण मरीजों को बाहर से दवाइयां लेनी पड़ती है अस्पताल में मरीजों के लिए बेड की व्यवस्था नहीं होती जिस कारण मरीज इमरजेंसी में लेटे रहते हैं और कुछ मरीजों को मजबूरी में प्राइवेट अस्पताल में इलाज करना पड़ता है इमरजेंसी के वक्त मरीज को व्हील चेयर उपलब्ध नहीं होती।
अस्पताल में एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड मशीन, एम.आर. आई जैसी सुविधाएं भी मरीज को नहीं मिलती अधिकांश दिन मशीन खराब पाई जाती हैं जिससे कि मरीज का बाहर जाकर एक्स-रे अल्ट्रासाउंड करना पड़ता है अस्पताल में आपातकालीन सेवा का भी बुरा हाल है यहां पर डॉक्टर भी हमेशा उपलब्ध नहीं होते हैं जिस वजह से मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ती है श्री विनोद चौहान ने कहा कि अस्पताल में एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड एवं एम आर आई जैसी सुविधाएं 24 घंटे उपलब्ध होनी चाहिए दून अस्पताल में जो भी कार्य हुए हैं वह कांग्रेस के शासनकाल में हुए भाजपा सरकार ने आज तक अस्पताल में कोई भी नया कार्य नहीं किया इससे स्पष्ट पता चलता है कि सरकार प्रदेश की जनता के प्रति कितनी जागरुक है।
सरकारी अस्पतालों में ब्लड बैंक की जानकारी स्पष्ट रूप से अंकित की जाए कि जिले में कहां-कहां ब्लड बैंक है जिसे परिजनों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
सभी ब्लड बैंकों का एक पोर्टल के माध्यम से जोड़ा जाए जिससे कि मरीजों को ब्लड देने-देने में या उससे संबंधित जानकारी आसानी से मिल सके।
ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स बनाने वाली मशीनों की तादाद बढ़ाई जाए कम मशीन होने के कारण लोगों को कई घंटे इंतजार करना पड़ता है जिससे कि मरीज को प्लेटलेट चढ़ाने में देरी होती है एवं प्लेटलेट्स निशुल्क दी जाए।
टेली मेडिसिन सेवा सुचारु रूप से शुरू की जाए।
सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर के बैठने का समय एवं दिन प्रकाशित किया जाए जिससे कि लोग सुविधा अनुसार डॉक्टरों से परामर्श ले सके।
डीजी हेल्थ को ऑर्थोपेडिक में आयुष्मान कार्ड लेने हेतु ज्ञापन दिया गया था।
क्या ऑर्थोपेडिक में आयुष्मान कार्ड की व्यवस्था शुरू की गई है। नहीं की गई तो शुरू की जाए।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या बढ़कर डॉक्टरों की व्यवस्था की जाए।
डेंगू के प्रकोप को देखते हुए मरीजों के लिए अस्पताल में निम्नलिखित सुविधाओं के लिए विनोद सिंह चौहान जी द्वारा कहा गया कि निम्न सुविधाएं अस्पताल में सुचारू कर दी जाएं जो निम्न प्रकार हैं –
डेंगू वार्ड
1. अलग वार्ड: डेंगू के मरीजों के लिए अलग वार्ड होना चाहिए।
2. विशेषज्ञ डॉक्टर: डेंगू के इलाज में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम होनी चाहिए।
3. नर्सिंग स्टाफ: प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ होना चाहिए।
उपचार और देखभाल
1. डेंगू की जांच: अस्पताल में डेंगू की जांच की सुविधा होनी चाहिए।
2. उपचार: डेंगू के इलाज के लिए आवश्यक दवाएं और उपचार की व्यवस्था होनी चाहिए।
3. मॉनिटरिंग: मरीजों की स्थिति की मॉनिटरिंग के लिए आवश्यक उपकरण और सुविधाएं होनी चाहिए।
अन्य सुविधाएं
1. पानी और भोजन: मरीजों के लिए स्वच्छ पानी और पौष्टिक भोजन की व्यवस्था होनी चाहिए।
2. स्वच्छता और स्वच्छता: अस्पताल में स्वच्छता और स्वच्छता की व्यवस्था होनी चाहिए।
3. मरीजों के परिजनों के लिए सुविधा: मरीजों के परिजनों के लिए बैठने और प्रतीक्षा करने की व्यवस्था होनी चाहिए।
विशेष सुविधाएं
1. आईसीयू: गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू की व्यवस्था होनी चाहिए।
2. ब्लड बैंक: अस्पताल में ब्लड बैंक की सुविधा होनी चाहिए।
विशेष कर प्लेटलेट्स
3. आपातकालीन विभाग: अस्पताल में आपातकालीन विभाग होना चाहिए जो डेंगू के मरीजों को तुरंत इलाज प्रदान कर सके।
विनोद सिंह चौहान ने कहा कि एक टोल फ्री नंबर जारी करें जिससे मरीजों को सुविधा प्रदान हो सके।
देहरादून जिले के जितने भी मुख्य अस्पताल जैसे विकास नगर, प्रेम नगर और सहसपुर में भी यह सुविधा प्रदान की जाए।
अगर अस्पतालों में मरीजों को सभी प्रकार की दवाइयां एवं अन्य सुविधाएं खाना अच्छे से उपलब्ध न हो तो हमें मजबूर होकर दून अस्पताल का घेराव और तालाबंदी करनी पड़ेगी जिसकी जिम्मेदारी विभाग की होगी।
ज्ञापन देने वालों में कांग्रेस प्रदेश महासचिव व पूर्व पार्षद जगदीश धीमान, पार्षद वीरेंद्र बिष्ट, पार्षद अर्जुन सोनकर, पूर्व पार्षद अनूप कपूर, राहुल शर्मा, मोहन काला, आशीष गोसाई,विजय गुप्ता, तजेंद्र सिंह रावत, संजय मौर्य, दिनेश गुप्ता, गगन छाछर, राजीव जायसवाल, मनीष गर्ग, अर्पण सलाल, प्रमोद शर्मा, मोहन रावत अनिल उनियाल, ललित थपलियाल, दारा, विक्की गोयल, नीरज आदि कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल रहे।