बस्ती बचाओ आंदोलन का गैरजरूरी एलिवेटेड रोड़ के खिलाफ व एनजीटी/हाईकोर्ट के नाम से भेजे गये नोटिसों को निरस्त करने एवं बस्तियों के मालिकाना हक की मांग

बस्ती बचाओ आन्दोलन द्वारा आज विभिन्न बस्तियों में बैठकें आयोजित कर विभिन्न वक्ताओं ने डबल इन्जन सरकार द्वारा गरीब बस्तियों पर एक के बाद एक हमले‌ की कड़े शब्दों में निन्दा की है ,वक्ताओं ने कहा है कि डबल इन्जन सरकार जो बड़े घरानों के हितों को मद्देनजर एलिवेटेड रोड़ जैसे भीमकाय योजनाओ को स्वीकृत कर रही है ,वहीं उत्तराखण्ङ हाईकोर्ट एवं एनजीटी में स्वयं सरकारी पक्ष दलील दे रहा है कि रिस्पना-बिन्दाल के इर्दगिर्द बाहरी लोगों ने अतिक्रमण कर दिया है तथा इस अतिक्रमण को हटाकर यहाँ नदी के बहावे को ठीक करना सरकार की प्राथमिकता है ।वक्ताओं ‌ने‌ कहा है कि आज न्यायालय के बाहर सरकार रिस्पना-बिन्दाल के ऊपर भीमकाय एलिवेटेड रोड़ के लिऐ बस्तियों को खाली करने के लिऐ लोगों पर दबाव बना रही है तथा हाईकोर्ट से लिये गये आदेश के दुरूपयोग करने के फिराक में है । जबकि ऐ सभी बस्तियां पिछले दो से पांच दशक पहले बसी हैं ,जबकि इन बस्तियों के मालिकाना हक के सवाल पर लोकसभा, विधानसभा तथा स्थानीय निकाय चुनाव में बीजेपी को भारी बहुमत मिला था ,स्वयं राज्य के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थानीय निकाय चुनाव में इन गरीब बस्तियों की जनता को आश्वस्त किया था कि उनकी बेदखली नहीं होगी तथा उनको मालिकाना हक मिलेगा वक्ताओं ने कहा है कि मोदी जी की कई घोषणा कि तरह हि जुमला साबित हुई ।यह सब भाजपा एवं आर एस एस की बड़े लोगों की हितैषी कि नीतियों के तहत हो रहा है ।
वक्ताओं ने निम्नलिखित मांगो पर जोर दिया :+

प्रमुख मुद्दे*
1. रिस्पना-बिन्दाल एलिवेटेड रोड के लिए भूमि अधिग्रहण: 7 मई 2025 से प्रभावी नोटिफिकेशन, मुख्यतः गरीब बस्तियों को लक्षित करता है, जबकि अमीरों और सरकारी सम्पत्तियों को छोड़ा गया है।
2. गरीब परिवारों का उत्पीड़न: पिछले दो वर्षों से प्रभावित गरीब परिवारों को बेदखली के लिए उत्पीड़ित किया जा रहा है।
3. नोटिस और बेदखली: सरकार द्वारा सैकड़ों नोटिस जारी कर बेदखली की तैयारी की जा रही है, किंतु मुआवजा और पुनर्वास से बचा जा रहा है।
4. विस्थापितों के अधिकारों का हनन: विस्थापितों को सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों (उचित मुआवजा, पुनर्वास और नागरिक सुविधाओं का अधिकार) से वंचित रखा जा रहा है।
5. अधिनियम का उल्लंघन: 2016 के अधिनियम का उल्लंघन करते हुए बिना पुनर्वास योजना के विस्थापन की साजिश चल रही है।
सरकार द्वारा विस्थापन तभी हो जब सरकार प्रभावितों को पूर्ण मुआवजा और पुनर्वास,नागरिक सुविधाऐं व रोजगार प्रदान करे।*
इस अवसर पर संयोजक अनन्त आकाश ,जनवादी महिला समिति की जिलाध्यक्ष नुरैशा अंसारी ,विप्लव अनन्त ,बिट्टू ,शबनम ,सुरेशी आदि ने विचार व्यक्त किये ।
इस‌अवसर नगरनिगम द्वारा मलिन बस्तियों में सफाई व्यवस्था ठीक न करने पर गहरी चिंता व्यक्त की ।

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