राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण और पेंशन बढ़ाने की मांग

उत्तराखंड राज्य की 25वीं रजत जयंती के शुभ अवसर पर राज्य आंदोलनकारियों ने लंबित चिन्हिकरण प्रक्रिया को पुनः शुरू करने और पेंशन ₹4,500 से बढ़ाकर ₹15,000 प्रतिमाह करने की मांग उठाई। इस संबंध में राज्य आंदोलनकारी विपुल नौटियाल (केन्द्रीय अध्यक्ष, उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी वीरभूमि देवभूमि सांस्कृतिक मंच, पंजीकृत) और पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी देहरादून के व्यक्तिक सहायक श्री वीरेंद्र सिंह को सौंपा।

ज्ञापन में कहा गया कि राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने के बावजूद कई वास्तविक आंदोलनकारी अब तक चिन्हित नहीं हो पाए हैं। आंदोलनकारियों ने सरकार से आग्रह किया कि त्रुटिवश छूट गए साथियों के चिन्हिकरण की प्रक्रिया पुनः प्रारंभ की जाए ताकि वे भी राज्य आंदोलनकारी घोषित होकर सरकार की योजनाओं और पेंशन का लाभ प्राप्त कर सकें।

साथ ही, ज्ञापन में यह भी कहा गया कि वर्तमान महंगाई को देखते हुए ₹4,500 मासिक पेंशन अत्यंत अल्प है, जिसे बढ़ाकर कम से कम ₹15,000 प्रतिमाह किया जाए। आंदोलनकारियों ने यह भी मांग की कि सभी चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों को राज्य कर्मचारियों की तरह हेल्थ कार्ड या किसी स्वास्थ्य बीमा योजना से जोड़ा जाए, ताकि वे निजी व बड़े अस्पतालों में भी निशुल्क उपचार प्राप्त कर सकें।

उपस्थित आंदोलनकारियों ने कहा कि राज्य निर्माण के लिए संघर्ष करने वाले सभी साथियों का सम्मान व उचित सुविधा सुनिश्चित करना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है।

इस अवसर पर मदन सिंह रावत, पुष्पलता, हेमंत चौधरी, विनोद असवाल, गीता नेगी, राजकुमारी, आमिर, वेदांत नौटियाल, सूरज डोभाल, शैलेश ठाकुर, आशुतोष रतूड़ी और ललित कुमार भी उपस्थित रहे।

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