यूसर्क द्वारा विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन

उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क), सूचना, सुराज एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा विश्व पृथ्वी दिवस-2024 के उपलक्ष्य में Planet vs. Plastic (पृथ्वी ग्रह एवं प्लास्टिक) विषयक थीम पर आनलाइन विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रो0(डा0) अनीता रावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत में प्राचीन समय से ही अपने पर्यावरण के पांचों तत्वों के संरक्षण की परम्परा रही है। हम पृथ्वी को मां के रूप में मानते है। हिमालयी देव भूमि में हमारे द्वारा किया गया प्रत्येक कार्य हमारे पर्यावरण को समर्पित रहता है। हम सभी को अपने आस-पास के पर्यावरण को बचाने का प्रण लेते हुये अपनी गौरवशाली ज्ञान-विज्ञान परम्परा को आगे बढ़ाना है। प्रोफेसर रावत ने सभी से पृथ्वी के संरक्षण हेतु मिलकर कार्य करने का आव्हान किया।

कार्यक्रम में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज, देहरादून की प्रोफेसर (डॉ.) भावना यादव लांबा ने Planet Earth and Plastic: Understanding the Global Challenges (पृथ्वी ग्रह एवं प्लास्टिक: एक वैश्विक समस्या चुनौती) विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने अपने व्याख्यान में प्लास्टिक की प्रकृति, प्रकार, पर्यावरण में प्लास्टिक के स्रोत, प्लास्टिक की समस्या एवं निदान, प्लास्टिक से डीजल बनाना आदि विषयों पर विस्तार से बताया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ भवतोष शर्मा ने करते हुए कहा कि ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के साथ साथ प्लास्टिक के उचित वैज्ञानिक प्रबंधन, जल संरक्षण, मृदा संरक्षण विषयों पर गम्भीरता से चिन्तन के साथ सामुहिक प्रयास करने की जरूरत है।

यूसर्क के वैज्ञानिक डा0 ओम प्रकाश नौटियाल ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सभी से ऊर्जा संरक्षण एवं प्लास्टिक का प्रयोग कम करने तथा सोलर ऊर्जा के प्रयोग बढाने को कहा। डा0 मन्जू सुन्दरियाल ने कहा कि जैवविविधता के संरक्षण की आज बहुत आवश्यकता है । डा0 राजेन्द्र सिंह राणा ने कहा कि हमको प्लास्टिक का कम से कम प्रयोग करना चाहिये।

कार्यक्रम का संचालन डॉ भवतोष शर्मा ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ ओम प्रकाश नौटियाल द्वारा किया गया । कार्यक्रम में डा0 भवतोष शर्मा, डा0 राजेन्द्र सिंह राणा, ई0 ओम जोशी, श्री उमेश चन्द्र, ई0 राजदीप जंग, शिवानी पोखरियाल, आईआईपी देहरादून के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक डॉ एस के खन्ना  सहित राज्य के सभी जिलों से जुड़े शिक्षकों एवं विद्यार्थियों सहित कुल 150 से अधिक प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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