मंत्री गणेश जोशी ने कैप्टन दल बहादुर थापा और वीर केशरी चंद के 79वें शहीदी दिवस पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने शुक्रवार को गढ़ी कैंट स्थित शहीद दुर्गा मल्ल पार्क में उत्तराखंड राज्य नेपाली भाषा समिति एवं सहयोगी अन्य संस्थाओं द्वारा आयोजित आजाद हिन्द फौज के वीर जवान अमर शहीद कैप्टन दल बहादुर थापा और वीर केशरी चंद के 79वें शहीदी दिवस पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न स्कूलों के छात्र छात्राओं द्वारा देश भक्ति एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गई। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने द्वितीय विश्व युद्ध के स्वंतत्रता सैनानियों के परिवार जनों और महान विभूतियों को सम्मानित भी किया।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने आजाद हिंद फौज के दो वीर सपूत शहीद कैप्टन दल बहादुर थापा एवं वीर केशरी चंद की वीरता और राष्ट्रभूमि के लिए उनके अमर प्रेम को स्मरण किया। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि भारतवर्ष की आजादी के लिये अपने प्राणों की आहुति देने वाले अनेक वीरों में शहीद कैप्टन दल बहादुर थापा का नाम देहरादून के रणबाकुरों में गोर्खा समुदाय में आदर्श के साथ लिया जाता है।पराक्रम और शौर्य के नैसर्गिक गुणों से पूर्ण दल बहादुर ने 1924 में ब्रिटिश इण्डियन आर्मी के गोरखा राइफल्स में भर्ती हो गए थे। ब्रिटिश आर्मी की तरफ से वजीस्तिान (पाकिस्तान, अफगानिस्तान सीमा) में अपने अदभुत शौर्य प्रदर्शन दिखाने के लिए इन्हें मैन्शन इन डिस्पैच के सैन्य पदक से सम्मानित किया गया।

मंत्री गणेश जोशी ने वीर केसरी चन्द के जीवन पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा उत्तराखंड के जौनसार बावर में जन्मे वीर केसरी चन्द बचपन से ही निर्भीक और साहसी थे। उन्होंने कहा अमर शहीद कैप्टन दल बहादुर थापा और वीर केशरी चंद ने अल्पायु में यह अमर बलिदानी को आज के ही दिन ब्रिटिश सरकार के आगे घुटने न टेककर हंसते-हंसते ‘भारतमाता की जय’ और ‘जयहिन्द’ का उदघोष करते हुये फांसी के फन्दे पर झूल गया। मंत्री ने कहा जिन्होंने देश की आजादी के लिए हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए हमें इनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा सैनिकों का सम्मान करना हर देशवासी का कर्तव्य है। मंत्री गणेश जोशी ने कहा ऐसे कार्यक्रमों में अपनी सहभागिता अधिक से अधिक संख्या में सुनिश्चित करने का भी आव्हान किया।

इस अवसर पर कैंट विधायक सविता कपूर, उत्तराखंड राज्य नेपाली भाषा समिति अध्यक्ष मधुसूदन शर्मा, गोरखली सुधार सभा अध्यक्ष पदम थापा, महासचिव श्याम राणा, पीबीआरओ अध्यक्ष शमशेर बिष्ट, राजेंद्र मल, आशीष शर्मा, ओपी गुरुंग, अशोक वल्लभ शर्मा, टी. डी. भूटिया, बाल कृष्ण बराल, मेग बहादुर थापा, उदय ठाकुर, आचार्य कृष्ण प्रसाद, कमला थापा, लीला शर्मा, प्रभा शाह, वंदना ठाकुर, आर एस थापा, ज्योति, सपना मल्ल आदि उपस्थित रहे।

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