मलिन बस्तियों के निवासियों को नोटिस जारी किये जाने के विरोध में कांग्रेसियों व बस्तीवासियों ने एमडीडीए कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए नोटिसों को वापस लिये जाने की मांग की और एमडीडीए के उपाध्यक्ष को ज्ञापन सौंपकर इस ओर कार्यवाही किये जाने की मांग की है।
यहां पूर्व विधायक राजकुमार के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता एमडीडीए कार्यालय पहंुचे और वहां पर जमकर नारेबाजी की और बाद में एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही किये जाने की मांग की है। इस दौरान ज्ञापन में कहा गया कि मलिन बस्तियों के निवासी कई वर्षों से रिस्पना नदी के किनारे अपने कच्चे पक्के मकान बनाकर निवास कर रहे है और उनके मकानों में पानी, बिजली के बिल व भवन कर नगर निगम द्वारा लगा हुआ है और इन बस्तियों में पुश्ते, सड़क, नाली, स्कूल, पानी, सीवर लाईनें और सभी सरकारी सुविधायें उपलब्ध है।
ज्ञापन में कहा गया कि यहां तक इन बस्तियों में नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग, एमडीडीए, जल निगम, विद्युत विभाग, पार्षद निधि, विधायक एवं सांसद निधि से भी अनेकों कार्य हो रखे है फिर भी इनको अवैध माना जा रहा है और समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला है कि एमडीडीए कुछ मलिन बस्तियों को हटाने की तैयारी कर रहा है जो बिलकुल उचित नहीं है।
ज्ञापन में कहा गया कि ये मलिन बस्ती निवासी पिछले चालीस वर्षों से यहां निवास कर रहे है। ज्ञापन में कहा गया कि परिवार बडा होने के कारण इन्होंने उसी स्थान पर या उस भवन के ऊपर एक या दो कमरे बना दिये है जिससे 2016 से पहले व बाद में पानी, बिजली लगा लिया है उसको अतिक्रमण माना जा रहा है। ज्ञापन में कहा गया कि कांग्रेस शासनकाल में मलिन बस्तियों के लिए नीति बनाई गई थी और उस नीति के तहत कुछ लोगों को मालिकाना हक दिया गया था वो नीति शहरी विकास कार्यालय में है और उस नीति को लागू किया जाये जो विधानसभा में पास हो रखी है।
ज्ञापन में कहा गया कि मलिन बस्तियों में तोड़फोड,़ नोटिस देना बंद किया जाये और मलिन बस्तीवासियों ने बडी मुश्किल से मेहनत मजदूरी करके अपने मकान बना रख है जिन्हें हटाया जाना उचित नहीं है यदि मलिन बस्तियों को हटाया जाता है तो कांग्रेस सडकों पर उतरकर व्यापक स्तर पर आंदोलन करेगी। इस अवसर पर प्रदर्शन करने व ज्ञापन देने वालों में पूर्व विधायक राजकुमार, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, वीरेन्द्र पोखरियाल, निवर्तमान पार्षद नीनू सहगल, अर्जुन सोनकर, रमेश कुमार मग्गू, हरिराम भटट, निखिल कुमार, दीप चौहान, अनूप कपूर, पीयूष गौड, सुनील कुमार बांगा, दीप बोहरा, राजेश उनियाल, राकेश पंवार, सोम प्रकाश बाल्मीकि, सुरेश पारछा, प्रियांश छाबडा, जहांगीर खान, राम कपूर, अशोक, राजीव जरीन, सुनीता, राम रामदास, निशा सहित अनेकों बस्तीवासी भी शामिल रहे।