निगमों व विभागध्यक्षो पद पर रिटायर या रिटायर हो रहे अधिकारियों के सेवा विस्तार का उक्रांद घोर विरोध करता हैं.

उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से अपेक्षा थी कि इनके कार्यकाल में युवाओं और योग्य अधिकारियो को मौका मिलेगा। लेकिन ऐसा न होकर खुद धामी अपने ही पास मंत्रालयों में भ्रष्ट अधिकारियों का सेवा विस्तार कर रहे हैं। उदाहरण जल विद्युत निगम के एम0 डी0 संदीप सिंघल जो 30 जून 2024 को रिटायर हो रहे हैं, उन पर धामी जी कितने मेहरबान हैं कि 15 मार्च 2024 को अर्थात रिटायर होने के साढ़े तीन माह पहले सेवा विस्तार 2 वर्ष का कर दिया। संदीप सिंघल पर पूर्व में भ्रष्टाचार के आरोप हैं। ट्रांसफार्मर खरीद घोटालों से लेकर बिजली उत्पादन पॉवर हॉउस कि सफाई नें नाम पर करोड़ों रूपये का हेरफेर करने में इनकी भूमिका हैं।

चीला पावर हाउस की वर्तमान में साफ सफाई के नाम पर ऐसे बेहताशा गर्मी के दौरान जब पूरा उत्तर भारत गर्मी से उबल रहा हैं ऐसे में चीला पॉवर हाउस 15 दिन के लिए बंद पड़ा हैं, जिसमें पावर हाउस की सफाई न होकर नहर की सफाई हो रही हैं, तो फिर क्या सिंघल मरम्मत के नाम पर आये बजट का बंटाधार करने में लगे हैं। चीला पॉवर हाउस से बिजली राज्य को दो रूपये से तीन रूपये प्रति यूनिट विजली मिलती हैं। वर्तमान में राज्य 12 रूपये से ज्यादा प्रति यूनिट बिजली खरीद रही हैं। क्या ऐसे पिक समय पर चीला पावर हाउस बंद करना जरुरी था। नहर की मरम्मत मार्च या अप्रैल में की जा सकती थी। क्या देखरेख कर रहे अधिकारियों को मालूम नहीं। ऐसे सवाल कई हैं जो जल विधुत निगम के एम डी संदीप सिंघल पर हैं। ऐसे भ्रस्ट अधिकारी को सेवा विस्तार देना कितना न्यायोचित हैं। क्या धामी सरकार को पता नहीं।

पुष्कर सिंह धामी यही नहीं अन्य निगमों में भी भ्रस्ट अधिकारियों को सेवा विस्तार कर सक्षम और योग्य अधिकारियों के लिए रोड़ा बने हैं। ब्रिडकुल के एम डी पद के लिए लोक निर्माण विभाग से रिटायर अधिकारी एमo पीo सिंह को बैठा रहे हैं, जो पूर्व में भ्रष्टाचार में लिप्त पाने पर डिमोशन कर दिए गये थे। सिचाई विभाग के विभागध्यक्ष प्रमुख अभियंता जय पाल सिंह का भी सेवा विस्तार किया जा रहा हैं। जिसका विरोध सिचाई विभाग कर्मचारी महासंघ भी विरोध कर रहा हैं,लोक निर्माण विभाग के विभागध्यक्ष का सेवा विस्तार भी की जा रही हैं । ऐसे अधिकारियों का सेवा विस्तार का खेल धामी सरकार खेल रही हैं। इससे स्पष्ट होता हैं कि कही न कही बड़ी लेनदेन हुआ हैं। अपने चहेतों का लाभ पहुंचाने से लेकर खुद लाभ ले रहे हैं। दल का स्पस्ट मानना हैं कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के सेवा विस्तार का दल घोर विरोध करता हैं।

साथ ही मांग करता हैं कि सेवा विस्तार के निर्णय को वाफीस लिया जाय अन्यथा आचार संहिता ख़त्म होने पर दल आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा। धामी सरकार का एक और खेल राज्य में चल रहा हैं। राज्य की कई कार्यादायी संस्थाएं हैं, जिसमे लोक निर्माण विभाग, पेयजल निर्माण सहित कई सस्थाएं हैं लेकिन निर्माण कार्यों के टेंडर व कार्य आवंटन का भ्रस्ट खेल उत्तराखंड में यह हैं कि राज्य सरकार के निर्माण सस्थाओं और निगमों को काम न देकर केंद्र सरकार के अधीन विभिन्न उपकर्मों को काम देकर मोटी रकम centage चार्जेज (6-7% परियोजना के लागत का ) देना और राज्य का पैसा बाहर भेजना क्या राज्य के लिए हितकारी हैं। यह कार्य भी अधिकारियों से मिलकर बिचौलिया सरकार से साँठ गांठ कर राज्य का पैसा बर्बाद कर रहे हैं। उत्तराखंड क्रांति दल उपरोक्त तथ्यों को लेकर मुखर हैं। भ्रष्टाचार का यह नंगा खेल कतई दल बर्दास्त नहीं करेगा। व मांग करते हैं कि अपने इन निर्णयों का सरकार अविलम्ब वाफीस ले।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *