चमोली जिले में भारी वर्षा के बाद आपदा प्रभावित जोशीमठ के मनोहरबाग में एक मकान की छत टूट गई। इसके अलावा सिंहधार में त्रिदंडी आश्रम के पास चट्टान खिसकने से भूस्खलन शुरू हो गया है। साथ ही कई जगह दरारें भी चौड़ी हो गई हैं। इसके चलते आबादी क्षेत्र को खतरा हो गया है। पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त होने से सेब के बगीचों को भी नुकसान पहुंचा है। हालांकि, इस क्षेत्र को प्रशासन पहले ही रेड जोन घोषित कर चुका है, लेकिन वर्षाकाल में भूधंसाव बढ़ जाने से क्षेत्रवासी जागकर रातें गुजार रहे हैं।
जनवरी माह में बदरीनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव जोशीमठ के घरों में दरारें पड़ने के साथ जमीन धंसने लगी थी। इस दौरान कराए गए सर्वे में शहर के नौ वार्ड के 868 घरों में दरारें आने की बात सामने आई थी। इनमें सिंहधार, मनोहरबाग और सुनील वार्ड के कई क्षेत्र को रेड जोन बना दिया गया था। इसके बाद प्रशासन की ओर से प्रभावित परिवारों को राहत कैंप में शिफ्ट किया गया था।
आपदा के सात माह बाद कई परिवार किराये के मकान में रहने लगे हैं तो अन्य वापस दरार वाले अपने भवनों में लौट आए हैं। बीती शनिवार रात भारी वर्षा के बाद जोशीमठ के सुनील वार्ड में थपलियाल मोहल्ले के ऊपर 60 मीटर क्षेत्र में भूस्खलन जोन विकसित हो गया है। इसके चलते मोहल्ले के पांच भवन खतरे की जद में आ गए हैं। घरों के आसपास और खेतों में पड़ी दरार में वर्षा का पानी घुसने से दरारें चौड़ी हो रही हैं।
त्रिदंडी आश्रम के पास भूस्खलन
स्थानीय निवासी अनिल थपलियाल का कहना है कि तड़के आई वर्षा से सिंहधार में त्रिदंडी आश्रम के पास चट्टान खिसकने के साथ भूस्खलन हुआ है। यहां भूमि में दरारें चौड़ी होने से भूस्खलन क्षेत्र के ऊपर और नीचे खतरा हो गया है। मनोहर बाग में भी भूस्खलन के मलबे से भुवनेश्वरी देवी के भवन की छत को नुकसान पहुंचा है।
जोशीमठ आपदा पर नजर
- दरार वाले भवनों की संख्या- 868
- असुरक्षित भवन- 181
- प्रभावित परिवार- 296
- मुआवजा पाने वाले परिवार- 118
- पुनर्वास पैकेज के तहत दी गई धनराशि- 26 करोड़।