वन अनुसध्ंाान संस्थान सम विष्वविद्यालय द्वारा दिनांक 21.09.2023 को महत्वपूणर् व्याख्यानो का आयोजन किया गया जिसका मुख्य उददेष्य ब्व्2 केपचर तकनीकी तथा गैस हाइड्रेटस था। जिसमे भारत सरकार द्वारा प्रतिवषर् आयोजित शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित प्रो. रजनीष कुमार, आई.आई.टी. मद्रास एवं प्रो. मोलोकिटिना नादेजडा़ पमार्फा्रॅस्ट प्रोग्राम के निदेषक, एडवांस्ड इंजीनियरिंग स्कूल अथर् क्रायोस्फीयर संस्थान ने प्रौद्योगिकी, पयार्वरण एवं सांइस के क्षेत्र मे नव विचारो के बारे मे जानकारी दी।
कायर्क्रम का षुभारम्भ डाॅ विनीत कुमार, डीन (ऐकेडमिक) एवं वैज्ञानिक-जी वन अनसंधान संस्थान सम विष्वविद्यालय देहरादून द्वारा एक परिचयात्मक नोट के साथ हुआ व उन्होंनंे ब्व्2 केपचर, ग्लोबल क्लाइमेट चेंज और सस्टनेबल पयार्वरण से संबधित विभिन्न मुद्दो पर प्रकाष डाला तथा चुनौतियो पर जोर दिया।
इसके पष्चात् डाॅ विनीत कुमार, प्रो. रजनीष कुमार, ने काबर्न डाइ आक्साॅइड ( ब्व्2द्ध कैपचर तकनीको और प्रो. मोलोकिटिना नादेजडा़ ने गैस हाइड्रेटस के बारे मे ब्यापक ज्ञान और दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि जलवायु परिवतर्न और ऊजार् उत्पादन के क्षेत्र में स्थायिता की ओर प्राप्त होने के लिए ब्व्2 केपचर तकनीको का महत्व और उनके विकास के साथ-साथ गैस हाइड्रेटस के उपयोग के तरीको पर भी चचार् की।
प्रोफेसरो द्वारा विष्वविद्यालय के छात्रों एवं षिक्षको को ग्लेाबल जलवायु परिवतर्न और ऊजार् संचयन के मामले में उनके योगदान के महत्व को समझाया और यह भी बताया कि यह कैसे पयार्वरण के क्षेत्र मे एक महत्वपूणर् भूमिका निभा सकते है।
यह व्याख्यान, वन अनुसध्ंाान संस्थान सम विष्वविद्यालय के छात्रों और षिक्षकों के लिए एक अद्वितीय अवसर था। कायर्क्रम के समापन के तहत विष्वविद्यालय ने उपस्थित वक्ताओ का आभार व्यक्त करते हुए यह भी सुनिष्चित किया कि हम विष्वविद्यालय के आगामी कायोर् में ज्ञान का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्व होंगे।
इस दौरान वन अनुसंधान संस्थान सम विष्वविद्यालय, देहरादून के समस्त वैज्ञानिक, प्रभाग प्रमुख, कमर्चारी, रिसचर् स्कोलर व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।