खरीफ की फसलों में अब मौसम की मार की चिंता खत्म 20 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध

बीते कुछ वर्षों में मौसम में अचानक बदलाव देखने में आने लगे हैं। इसका सबसे बड़ा नुकसान यदि किसी को भुगतना पड़ता है, तो वो हैं हमारे देश के किसान। कड़ी धूप में पनपने वाली फसलों में अचानक होती बारिश की मार, या फिर बारिश के दिनों में पनपने वाली फसलों के लिए महीनों बारिश का इंतज़ार, ऐसे तमाम कारण हैं, जो फसलों को नुकसान पहुँचाने के लिए सीधे जिम्मेदार हैं। ऐसे में, यदि किसानों के पास उचित बीमा योजना हो, तो फसलों में खराबी की वजह से होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। किसानों को राहत दिलाते हुए, क्षेमा जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड ने सुकृति नाम के फसल बीमा की शुरुआत की है। अब, देहरादून सहित पूरे भारत के किसान अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं, क्योंकि मानसून के आगमन के साथ ही खरीफ की बुवाई का समय शुरू हो जाता है।

क्षेमा जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड के मुख्य अंडरराइटिंग अधिकारी, श्री सी.वी. कुमार ने कहा, “क्षेमा सुकृति के लिए देहरादून सहित पूरे भारत के किसान मुफ्त में पंजीकरण कर सकते हैं और केवल 499 रुपए प्रति एकड़ की दर से अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। इसके लिए वे क्षेमा ऐप की सहायता भी ले सकते हैं और 100 से अधिक मौसमी फसलों का बीमा करा सकते हैं। इससे उन्हें आय में आने वाली क्षति को कम करने में मदद मिल सकेगी। किसानों की सुविधा के लिए हमने पॉइंट ऑफ सेल पर्सन नियुक्त किए हैं, जो उन्हें बीमा खरीदने के दौरान किसी भी चरण में आने वाली समस्या से निजात दिलाएँगे।”

सुकृति 20 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध है। इसमें उत्तराखंड का नाम भी शामिल है। यह किसानों को नौ जोखिमों में से एक मुख्य और एक सहायक परिस्थिति का चयन करने का विकल्प देती है। कवर किए गए जोखिमों में चक्रवात, जल-जमाव (जलप्रिय फसलों के लिए लागू नहीं), बाढ़, ओलावृष्टि शामिल हैं, जबकि छोटे जोखिमों में भूकंप, भूस्खलन, बिजली से लगी आग, जानवरों का हमला (बंदर, खरगोश, जंगली सूअर, हाथी) और विमान से होने वाले नुकसान शामिल हैं।

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