कांग्रेस नेताओं ने स्वास्थ्य सचिव से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपते हुए राजकीय दून चिकित्सालय में सुविधायें दुरूस्त किये जाने की मांग की

कांग्रेस नेताओं पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण, पूर्व विधायक राजकुमार एवं पूर्व महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, पार्षद नीनू सहगल एवं नागेश रतूड़ी के प्रतिनिधिमण्डल ने स्वास्थ्य सचिव उत्तराखंड शासन से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपते हुए राजकीय दून चिकित्सालय में सुविधायें दुरूस्त किये जाने की मांग की है।

स्वास्थ्य सचिव उत्तराखंड शासन को दिये ज्ञापन में पूर्व महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लालचन्द शर्मा ने कहा कि राजकीय दून मेडिकल अस्पताल अव्यवस्थाओं का अड्डा बना हुआ है, जिससे मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रह है। राजकीय दून चिकित्सालय में नए ओपीडी भवन और पुराने ओपीडी भवन को जोड़ने के लिए बना फुट ओवर ब्रिज सफेद हाथी साबित हो रहा है।

पुल के दोनों तरफ सीढ़िया और लिफ्ट तो लगी हुई हैं, लेकिन रैंप नहीं है। लिफ्ट भी इतनी छोटी है कि उसमें स्टेªचर भी नहीं जा सकता तथा लिफ्ट अक्सर खराब अवस्था में रहती है। ऐसी स्थिति में पहले से भर्ती मरीजों और पैदल चलने पर असक्षम मरीजों को ओपीडी भवन से वार्ड वाले भवन में लाने-ले जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है तथा मरीजों को स्ट्रेचर और व्हील चेयर पर जाम के बीच सड़क से ले जाना पड़ता है। इस तरह से लाखों रूपए खर्च कर बने फुट ओवर ब्रिज के निर्माण में बड़े भ्रष्टाचार का संकेत देता है। फुट ओवर ब्रिज के दोनों तरफ रैंप का निर्माण कराया जाना भी नितांत आवश्यक है।

कांग्रेस नेताओं के प्रतिनिधिमण्डल ने कहा कि दून मेडिकल काॅलेज चिकित्सालय की विभिन्न लिफ्ट अक्सर खराब रहती हैं, तो कई बार चलते-चलते ही ठप हो जाती हैं। जिससे लिफ्ट में फंसने से मरीजों और तीमारदारों को मुसीबत का सामना करना पडता है। इसकी शिकायत करने के बावजूद भी अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। अतः चिकित्सालय की लिफ्टों के ठीक से संचालन के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया जाए। उन्होंने कहा कि दून मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में शामिल हैं, यहां पर अन्य अस्पतलों की तुलना में अधिक चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध हैं।

जनता के टैक्स के पैसे से तैयार इन सुविधाओं का लाभ जनता को मिलना चाहिए। अस्पताल में आयुष्मान कार्ड पर भर्ती मरीजों को एमआरआई जांच की सुविधा एक ही बार मिल पा रही है। एमआरआई जांच की सम्पूर्ण जांच की सुविधा आयुष्मान योजना के तहत दी जाए। राजकीय दून मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल में कर्मचारियों की कमी से अक्सर अव्यवस्थाओं का आलम रहता है। लोगों को पर्चा बनाने से लेकर दवा लेने और विभिन्न जांच कराने के लिए घंटों लंबी लाइन में खड़ा रहना पड़ता है। इससे मरीजों को इलाज में कई दिन तक लग जाते हैं। कर्मचारियों की कमी से इमरजेंसी कक्ष के हालत भी बहुत खराब हैं इस हेतु चिकित्सालय में मेडिकल स्टाॅफ बढ़ाया जाना चाहिए।

कांग्रेस नेताओं ने यह भी मांग की कि अस्पताल में मानसिक रोगियों की दवाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है। जिससे मानसिक रोगियों को बाजार से महंगी दवा खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। कई मरीज जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है उन्हें बिना दवा के इस रोग का दंश झेलना पड़ता है। इस हेतु अस्पताल में मानसिक रोगियों की दवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये जाय।

इसी अवसर पर जहां पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने उत्तरकाशी में डायलिसिस की सुविधा एवं टैक्नीशियनों की नियुक्ति की मांग की वहीं पूर्व विधायक राजकुमार ने डेंगू के बढते प्रकोप को देखते हुए देहरादून के चिकित्सालयों में बैड बढाये जाने की मांग भी की।

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