देहरादून। प्रदेश के पर्यटन लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, संस्कृति मंत्री एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय में मीडिया के सम्मुख विभागीय उपलब्धियां के बारे में शनिवार को विस्तृत जानकारी दी।
आपदा के बिन्दुविगत माह 19 जुलाई 2023 को मेरे द्वारा हरिद्वार के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया गया। आपदा से हरिद्वार जनपद को काफी नुकसान हुआ है । लोगों की कृषि योग्य भूमि और घरों तथा दुकानों के अन्दर पानी घुसने से आमजनमानस को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।मेरे द्वारा हरिद्वार और रूड़की के आपदाग्रस्त क्षेत्रों जैसे-मोहम्मदपुरबुजुर्ग, लंढौरा, मुं डनाना, साउथ सीवर लाइन, खानपुर, मोहनपुर, रूड़की स्थित गणेशपुर, रेलवे स्टेशन, पनियाला भगवानपुर बाजार, जौनपुर से मोहम्मदपुर बुजुर्ग तटबंध, एवं बिरला टायर फैक्ट्री सहित रूड़की के बाढ प्रभावित क्षेत्रों सहित सोनाली नदी का भी स्थलीय निरीक्षण कर विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं।
आपदा प्रभावित कुल 6336 (छह हजार तीन सौ छत्तीस) लाभार्थियों को प्रत्येक लाभार्थी को 5000 की धनराशि के चैक वितरित किये गये हैं। अभी तक कुल 13709000 (एक करोड़ सैंतीस लाख नौ हजार) रूपये की धनराशि की सहायता प्रदान की जा चुकी हैं। 761 लाभार्थियों जिनके घरों को नुकसान हुआ है उन्हें गृह अनुदान के तहत 4441300 (चौबालीस लाख इक्तालीस हजार तीन सौ रूपये की फौरी सहायता दी गई है। जिन लोगों के परिवारों में मानव क्षति/पशु क्षति हुई है ऐसे 29 लाभार्थियों को 319100 (तीन लाख उन्नीस हजार एक सौ) रूपये की धनराशि दी गई है।
17805 (सतरह हजार आठ सौ पाँच) किसानों को फसल क्षतिपूर्ति की भरपाई के तहत 108925529 (दस करोड़ नवासी लाख पच्चीस हजार पाँच सो उन्नतीस रूपये की सहायता दी गई है। कटाव क्षति के अन्तर्गत 60 लाभार्थियों को 436398 (चार लाख छत्तीस हजार तीन सौ अठानवे) रूपये की धनराशि दी गई है। कुल मिलाकर दैवीय आपदा से प्रभावित हरिद्वार जनपद में आपदा राहत के अन्तर्गत सरकार द्वारा 24991 (चौबीस हजार नौ सौ इक्यानवे) लोगों को 133261327 (तेरह करोड बत्तीस लाख इकसठ हजार तीन सौ सत्ताईस करोड) रूपये की सहायता दी जा चुकी है।
इस क्रम में मेरे द्वारा मा० मुख्य मंत्री जी से निम्नवत घोषणायें करवाये जाने का अनुरोध किया गया जिसे स्वीकार करते हुए मा० मुख्य मंत्री जी द्वारा निम्न घोषणायें की गयी।
1. हरिद्वार के पानी में डूबे क्षेत्रों को आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया है।
2. लोगों के 03 माह के बिजली और पानी के बिल माफ किये गये हैं।
3. सरकार ने बैंकों से आग्रह किया गया है कि ऋण वसूली पर 03 महीने तक रोक लगायी जाय।
इसके अतिरिक्त हमारे द्वारा नदियों को चैनेलाईज करवाये जाने और हरिद्वार में समुचित ड्रेनेज की व्यवस्था करवाये जाने का निर्देश भी अधिकारियों को दिया गया है।
Uttarakhand landslide mitigation center और Uttarakhand State Disaster Management Authority मनसा देवी मंदिर में हो रहे भूस्खलन की Geotechnical, Topographical और Geophysical जांच करायी जा रही है।
पर्यटन विभाग
चारधाम यात्रा-2023 के अन्तर्गत (20 अगस्त, 2023 तक ) अभी तक कुल 3711075 (सैंतीस लाख ग्यारह हजार पिचहत्तर) श्रद्धालु हेमकुण्ड सहित चारधाम की यात्रा कर चुके हैं।
चारधाम यात्रा हेतु जी०एम०वी०एन० गेस्ट हाउसों की बुकिंग के तहत अभी तक 229909876.00 (बाइस करोड़ नियान्यनवे लाख नौ हजार आठ सौ छियत्तर) से भी अधिक की बुकिंग की जा चुकी है।
प्रदेश में यात्रियों की सुरक्षा, सुगमता के दृष्टिगत राज्य में प्रथम बार यात्री सुरक्षा प्रबन्धन प्रणाली (Tourist Safety Management System) TSMS का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया गया।
चारधाम यात्रा हेतु वर्ष 2023 ऑनलाईन पंजीकरण व्यवस्था के अन्तर्गत मोबाईल एप, टोल फ्री नं० के साथ ही WhatsApp एवं कन्ट्रोल रूम में फोन के माध्यम से पंजीकरण किये जाने की व्यवस्था की गयी है ।
चारधाम यात्रा 2023 हेतु पर्यटकों की सहायता व सुरक्षा के दृष्टिगत आउटसोर्स (उपनल/पी0आर0डी0) के माध्यम से यात्राकाल में धामों में पुरूष व महिला “पर्यटन सहायता व सुरक्षा मित्र” की तैनाती की गयी है।
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में विभिन्न सर्किटों का निर्माण किया गया है। जिसमें शैव सर्किट के अन्तर्गत 24, शाक्त सर्किट के अन्तर्गत 24, वैष्णव सर्किट के अन्तर्गत 21 विवेकानंद सर्किट के अन्तर्गत 13, नवग्रह सर्किट के अन्तर्गत 08 हनुमान सर्किट के अन्तर्गत 08, नागराजा सर्किट के अन्तर्गत 15 महासू देवता सर्किट के अन्तर्गत 04 तथा गोलू देवता सर्किट के अन्तर्गत 04 मन्दिरों को शामिल किया गया है।
सीमान्त क्षेत्रों के गांवों में सुविधाओं के विस्तार और आजीविका विकास के लिए “Vibrant Village योजना प्रारम्भ करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी, चमोली पिथौरागढ़ जनपदों के 51 गांवों का चिन्हीकरण किया गया है।
नीति घाटी में स्थित टिम्मरसैंण महादेव (शिवलोक ) को दर्शानार्थियों के लिए खोल दिया गया है तथा माणा स्थित मूसापानी को भी विकसित किया जाएगा।
सुरकण्डा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं हेतु मंदिर के दर्शन को सुगम बनाने के दृष्टिगत से “सुरकण्डा देवी रोपवे” का PPP Mode के माध्यम से निर्माण कार्य पूर्ण करवाकर अप्रैल 2022 में संचालन सफलतापूर्वक किया जा रहा है।
जनपद उत्तरकाशी के अन्तर्गत जानकी चट्टी (खरसाली) से यमुनोत्री (मन्दिर) तक रोपवे परियोजना का निर्माण PPP Mode में विकसित किये जाने हेतु निजी निवेशक का चयन कर अनुबन्ध हस्ताक्षरित कर लिया गया है।
कुमाऊँ मण्डल के अंतर्गत मानसखण्ड मंदिर माला मिशन योजना हेतु 48 प्रमुख ऐतिहासिक व पौराणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मंदिरों को चिन्हित किया गया है।
औली में विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत परिसम्पत्तियों का संचालन सुव्यवस्थित रूप से किये जाने हेतु औली Skeeing Destination के सुनियोजित विकास हेतु ” औली मास्टर प्लान तैयार किया जा चुका है जागेश्वर धाम अल्मोड़ा, महासू देवता मंदिर हनोल एवं गंगोत्री-यमुनोत्री आदि का मास्टर प्लान तैयार करवाया जाना प्रस्तावित है।
श्री केदारनाथ धाम में पुर्ननिर्माणः – वर्ष 2013 में आयी भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद श्री केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों से CSR मद के अन्तर्गत प्रथम चरण में 225.00 करोड़ (दो सौ पच्चीस करोड़) के कार्य पूर्ण कराये गये है तथा वर्तमान में दुसरे चरण में 198.00 (एक सौ अट्ठानवे करोड़) के कार्य गतिमान है।
श्री बद्रीनाथ धाम का विकास : मा० प्रधानमंत्री जी के दिशा-निर्देशों पर बद्रीनाथ धाम को एक Smart Spiritual Hill Town के रूप में विकसित किये जाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा चरणवद्ध रूप से कार्य किये जा रहे है।
Trekking Center, होम स्टे योजनान्तर्गत नवनिर्माण हेतु अधिकतम रू० 60000 (साठ हजार) प्रति कक्ष तथा यदि भवन की मरम्मत की जानी है तो ऐसी दशा में प्रति कक्ष रू0 25000 ( पच्चीस हजार) अधिकतम 06 कक्षों के लिये अनुदान की व्यवस्था है। योजना के अन्तर्गत विभिन्न जनपदों के 76 गांवों को अब तक अधिसूचित किया गया है तथा 302 व्यक्तियों को योजना का लाभ प्रदान किया जा चुका
पर्यटन विभाग द्वारा लोक निर्माण विभाग के ऐसे पुल (Bridge ) जो उपयोग में नही है, को पर्यटन की दृष्टि से Restaurant / Cafeteria आदि के रूप में PPP Mode में विकसित किया जाना प्रस्तावित है।
पर्यटन विभाग द्वारा निःशुल्क Red Cross सोसायटी के माध्यम से 669 (छः सौ उनहत्तर) पंजीकृत रिवर गाइडो को पर्यटकों की सुरक्षा हेतु प्राथमिक चिकित्सा व सीपीआर का प्रशिक्षण करवाया गया ।
पर्यटन विभाग द्वारा रिवर राफ्टिंग हेतु 186 (एक सौ छियासी) नये रिवर गाइड बनाकर सीधे रोज़गार से जोड़ा।
पर्यटन विभाग द्वारा रिवर राफ्टिंग हेतु 186 (एक सौ छियासी) नये रिवर गाइड बनाकर सीधे रोजगार से जोड़ा ।
पर्यटन विभाग द्वारा प्रथम बार भीमताल एवम् नोकुचियताल में water bike प्रारंभ की गई।
पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटकों के लिए रिवर राफ्टिंग हेतु नये स्थल भागीरथी नदी (हर्षिल ), तिलोथ से जोशियाडा एवम् यमुना नदी में (हतियारी गांव से कालसी पुल) तक प्रारंभ किए गये ।
पर्यटन विभाग द्वारा अलकनंदा, पिंडर, भागीरथी, यमुना, काली, टौंस, कोसी, गोरी गंगा, सरयू रामगंगा (पूर्वी/पश्चिमी) रिवर राफ्टिंग हेतु विभाग द्वारा लिये जाने वाले शुल्क को तीन (03) वर्ष के लिए निःशुल्क किया गया।
पर्यटकों के लिए जनपद चम्पावत (लोहाघाट) के कोली ढेक झील में पैडल बोट, डक बोट प्रारंभ की गई।
विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर जॉर्ज एवरेस्ट में हिमालय दर्शन हेतु Air Safari प्रारम्भ कर दी गयी है इसके साथ ही पैरामोटर गतिविधियों की प्रदर्शनी एवं Aeromodelling गतिविधियों का ट्रायल एवं प्रदर्शनी करायी गयी।
Medical Tourism, Nature Tourism, Water Tourism की भी प्रदेश
में आपार सम्भावनाएं है।
Adventure Tourism की गतिविधियां
जॉर्ज ऐवरेस्ट में हिमालय दर्शन हेतु Air Safari एवं Aero Sports गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
पैराग्लाईडिंग के अन्तर्गत पौड़ी अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, देहरादून, बागेश्वर एवं नैनीताल में नयी साइट चिन्हित की गयी।
कैलाश, ओम पर्वत एवं आदि कैलाश के दर्शन हेतु हैली सेवा का प्रारम्भ किये जाने हेतु जनपद पिथौरागढ़, गूंजी नाबीढांग जौलिंगकांग में कार्यवाही गतिमान है।
सरकार यात्रा एवं मेला प्राधिकरण बनाने की तैयारी कर रही है।
लोक निर्माण विभाग
प्रदेश में बाढ़ एवं वर्षा से 406 (चार सौ छः) सड़कें अवरुद्ध हैं। जबकि 119 (एक सौ उन्नीस ) सड़कों को यातायात हेतु खोल दिया गया है।
अवरुद्ध सड़कों को खोलने के लिए 246 (दो सौ छियालीस) मशीनें लगी हुई हैं।
प्रदेश में अधिकांश नेशनल हाइवे (N.H.) खुले हैं।
प्रदेश में बाढ़ एवं वर्षा से 83 (तिरासी) सेतु क्षतिग्रस्त हुए हैं।
विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कुल 1425 (चौदह सौ पच्चीस) किमी0 लम्बाई में मार्गों का पुननिर्माण एवं 32 पुलों का निर्माण किया गया।
विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत सड़क सुविधा से वंचित 105 ग्रामों को Road connectivity प्रदान की गयी।
प्रदेश के विभिन्न श्रेणी के मार्गों को कुल 10244 ( दस हजार दो सौ चवालीस) किमी0 लम्बाई में पैचलैस कर सुलभ यातायात हेतु उपलब्ध कराया गया।
क्षतिग्रस्त मार्गों पर पैच मरम्मत हेतु आम जनता से फीडबैक लिए जाने हेतु माह मई, 2023 में “पैच रिर्पोटिंग एप’ (PWD Patch Reporting App) लागू किया गया। इस एप के माध्यम से कुल 1190 (ग्यारह सौ नब्बे ) फीडबैक जनसामान्य द्वारा दिए गए। जिसमें सर्वाधिक 292 (दो सौ बयानवे) फीडबैक देहरादून जनपद में प्राप्त हुए ।
PWD Patch Reporting App में State Highway व प्रमुख जिला मार्गों को लिया गया है। जिसमें अभी तक कुल 1190 (एक हजार एक सौ नब्बे) शिकायते आयी है। जिसमें से 713 (सात सौ तेरह ) का समाधान हो चुका है। 440 (चार सौ चालीस ) शिकायतों को सम्बन्धित विभागों को हस्तांनातरित कर दी गयी है। वर्तमान में 37 (सैंतीस) शिकायतों का समाधान किया जा रहा है।
पंचायती राज विभाग
पंचायतों को सुदृढ़ एवं अधिकार सम्पन्न बनाने के लिए संविधान में वर्णित 29 (उन्नतीस) विषयों को पंचायतों को सौंपे जाने हेतु पंचायती राज विभाग में एक हाई पावर कमेटी का गठन किया गया है जिसकी रिपोर्ट आ चुकी है इन 29 विषय को पंचायतों को क्रमबद्ध तरीके से हस्तांतरित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है ।
मुख्य विकास अधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी की वार्षिक प्रविष्ठि पर जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुख को अपना मंतव्य अंकित करने का अधिकार दिया गया है।
पंचायत चुनाव में धन-बल व भ्रष्टाचार समाप्ति के लिए क्षेत्र पंचायत प्रमुखों एवं जिला पंचायत अध्यक्षों का निर्वाचन प्रत्यक्ष रूप से किये जाने हेतु संविधान में संशोधन हेतु भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया गया। राज्य में Plastic Waste प्रबंधन हेतु 95 (पिच्चानवे) विकास खण्डों में 80 (अस्सी) कॉम्पैक्टर्स स्थापित किये जा चुके हैं।
विगत दो वर्षों में 1200 (बारह सौ ) पंचायत भवनों का निर्माण तथा लगभग 300 (तीन सौ) पंचायत भवनों के मरम्मत पूर्ण किया जा चुका है। 1000 (एक हजार) पंचायत भवनों को कम्प्यूटरीकृत किया जा चुका है।
राज्य की समस्त 662 (छह सौ बासठ ) न्याय पंचायतों में पंचायत भवनों को दीन दयाल उपाध्याय मिनी सचिवालय के रूप में विकसित किये जाने का लक्ष्य है।
दिनांक 25 जुलाई, 2019 से पूर्व जिनके दो से अधिक बच्चे हैं वे पंचायत चुनाव में उम्मीदवारी हेतु योग्य होंगे। इस व्यवस्था से लोग परिवार नियोजन हेतु प्रोत्साहित होंगे।
ग्राम प्रधानों का मानदेय रू 1500 से बढाकर रू 3500 प्रतिमाह किया गया है ।
पंचायतों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्रम में जनपद हरिद्वार के ग्राम मुजाहिदपुर सतीवाला खालसा में दिनांक 18 अक्टूबर, 2022 को “Common Waste Plastic Recycling Plant” प्रारम्भ किया गया। यह 6 करोड़ की लागत से स्थापित किया गया है। प्लाण्ट में पूर्ण क्षमता से उपयोग किए जाने पर प्रतिदिन इनपुट के रूप में 3 टन प्लास्टिक कूड़े का रिसाइकिलिंग किया जाएगा तथा आउट पुट के रूप में 2 टन भार क्षमता का प्लास्टवुड उत्पादन ( दरवाजे के चौखट, मेज, कुर्सी बैंच, अलमारी) के लिए उपलब्ध होगा ।
राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अन्तर्गत वर्ष 2023-24 के लिए कुल बजट 244.96 (दो सौ चवालसी करोड छियानवे लाख) की धनराशि स्वीकृत की गयी है । यह धनराशि त्रिस्तरीय पंचायतों प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास, ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों के निर्माण, पंचायत भवनों के कम्प्यूटरीकरण, पंचायत प्रतिनिधियों के Exposure Visit पर खर्च किया जायेगा ।
सिंचाई विभाग
ड्रेनेज सिस्टम को व्यवस्थित करने के लिए सिंचाई विभाग एक अलग Section बनाने की तैयारी में है ।
सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु 183 ( एक सौ तिरासी) नये सोलर पम्पसेट की स्थापना की गई है।
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना (PM KUSUM) के अन्तर्गत 318 ( तीन सौ अट्ठारह) डीजल पम्पसेट को सोलर पम्पसेट में परिवर्तित किया गया।
सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु 192 (एक सौ बयानवे) हौज एवं 51595 (इक्यावन हजार पांच सौ पिचानवे) मीटर पाईपलाईन का निर्माण किया गया है।
पर्वतीय जनपदों में जल संरक्षण एवं संवर्द्धन को बढ़ावा दिए जाने हेतु 106 चैकडेम तथा 12 तालाबों का निर्माण किया गया।
जनपद नैनीताल के अन्तर्गत गोला नदी पर बहुप्रतीक्षित जमरानी बाँध बहुउद्देशीय परियोजना, जिसमें जनपद नैनीताल में गौला नदी पर हल्द्वानी शहर से 10 किमी0 अपस्ट्रीम में 136.60 मी0 ऊँचा कंक्रीट ग्रेविटी बांध लागत रू0 2584.10 करोड़ ( दो हजार पांच सौ चौरासी करोड़) ( वर्ष 2018 की लागत पर ) निर्मित किया जाना प्रस्तावित है।
देहरादून एवं उपनगरीय क्षेत्र हेतु सुनिश्चित पेयजल आपूर्ति के लिए सौंग नदी पर लगभग रू0 2021.57 करोड़ (दो हजार इक्कीस करोड़) की लागत से सौंग पेयजल बांध योजना बनायी जानी प्रस्तावित है।