महानगर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष श्री लाल चंद शर्मा ने एक बयान जारी कर केंद्र सरकार की विदेश नीति और संवेदनशील मुद्दों पर उसकी चुप्पी पर कड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि जब रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने का झूठा प्रचार किया जा सकता है, तो बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं के नरसंहार के मुद्दे पर सरकार मूकदर्शक क्यों बनी हुई है?
उन्होंने कहा बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के साथ लगातार अमानवीय व्यवहार हो रहा है। लोगों को मारा जा रहा है। यह मानवाधिकारों के खुले उल्लंघन का मामला है। सरकार इस पर क्यों चुप है?
56 इंच के सीने का दावा कहां है?
सरकार, जो खुद को शक्तिशाली नेतृत्व का प्रतीक बताती है, इस गंभीर मुद्दे पर कार्रवाई करने से क्यों कतरा रही है? ’56 इंच का सीना’ जैसे दावे आज बेमानी लगते हैं, क्योंकि सरकार का मौन तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति को दर्शाता है।
उन्होनें यह भी कहा कि मोदी सरकार मणिपुर पर क्यों खामोश रही क्यों अपनें देश के लोग मोदी जी को दिखाई नहीं दिये।
उन्होनें कहा राजनीतिक और व्यापारिक संबंधों पर रोक क्यों नहीं? श्री शर्मा ने सवाल किया कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के बावजूद भारत ने अब तक बांग्लादेश के साथ राजनीतिक और व्यापारिक संबंधों पर रोक क्यों नहीं लगाई? क्या यह सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल नहीं उठाता? जब भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विश्वगुरु बनने का दावा करता है, तो बांग्लादेश में हिंदुओं की रक्षा के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाया जा रहा? क्या सरकार की नीतियां केवल दिखावे और प्रचार तक सीमित हैं?
श्री शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर गंभीर है और केंद्र सरकार से तुरंत निम्नलिखित कदम उठाने की मांग करती है:
1. बांग्लादेश सरकार पर दबाव डालकर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
2. बांग्लादेश के साथ राजनीतिक और व्यापारिक संबंधों पर रोक लगाई जाए।
3. हिंदुओं के अधिकारों और सुरक्षा के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाया जाए।
4. बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार करने वाले अपराधियों को सख्त सजा दिलाने के लिए कूटनीतिक कदम उठाए जाएं।
श्री लाल चंद शर्मा ने कहा कि सरकार की चुप्पी इस बात का संकेत है कि वह केवल प्रचार और दिखावे में व्यस्त है। बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह हमारे पड़ोसी देश की नैतिक जिम्मेदारी का भी हनन है। यदि सरकार ने जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए, तो यह देश के नागरिकों के विश्वास को हिला देगा।
उन्होंने भारत के नागरिकों से भी अपील की कि वे इस मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद करें और सरकार को मजबूर करें कि वह इस गंभीर मसले पर सख्त कार्रवाई करे।