बस्ती बचाओ आन्दोलन के वैनर तले आगामी 9 जुलाई 025 को जिलामुख्यालय पर पर्दशन के माध्यम से जिलाधिकारी, मुख्यसचिव तथा मुख्यमंत्री को ज्ञापन पेषित करेंगे उक्त आशय का निर्णय बस्ती बचाओ आन्दोलन द्वारा आयोजित विभिन्न बैठकों में लिया गया लिए इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा है कि पिछले फरवरी माह से बस्तीवासियों के उत्पीड़न एवं बेदखली तथा एलिवेटेड रोड़ के खिलाफ निरन्तर संघर्ष चल रहा है ,इस संघर्ष के परिणामस्वरूप जो डबल इन्जन सरकार बस्तीवासियों को अवैध बोल रही थी वह अब मुआवजे व पुर्नवास की बात करने लगी है।
वक्ताओ ने कहा है कि 7 मई 2025 के नोटिफिकेशन द्वारा *केवल गरीब बस्तियों* को लक्षित किया गया, जबकि अमीरों की संपत्तियाँ और सरकारी भवन बचाये जा रहे हैं।
वक्ताओं ने कहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चुनावों में “मालिकाना हक” और “गरीब बस्तियों को बेदखल” न करने का वादा किया, पर अब उन्ही की सरकार द्वारा हाईकोर्ट/एनजीटी के आदेशों का दुरुपयोग कर बेदखली की तैयारी की जा रही है।
-वक्ताओं ने कहा है कि सरकार “नदी संरक्षण” का बहाना बना रही है, जबकि एलिवेटेड रोड खुद *रिस्पना-बिंदाल के प्राकृतिक बहाव को अवरुद्ध* करेगी और पारिस्थितिकी को नुकसान पहुँचाएगी लिए
वक्ताओं ने कहा है कि बिना पुनर्वास योजना और मुआवजे के विस्थापन गैरकानूनी है। सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों की भी अवहेलना हो रही है।
वक्ताओं ने कहा है कि 9 जुलाई 25 के पदर्शन की मांग निम्नलिखित है :-
(1)बस्तियों के मालिकाना हक,गैर जरूरी एलिवेटेड रोड़ के बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क* (सड़कों, सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था मजबूत किया जाए, जो नदी क्षेत्र को नुकसान न पहुँचाए।
(2) *बस्तियों का सुधार:*
– “स्लम रिहैबिलिटेशन एक्शन प्लान” लागू कर बस्तियों में पानी, बिजली, सफाई जैसी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँ।
(3)नगरनिगम द्वारा भेजे गये नोटिसों को निरस्त करो तथा मलिनबस्तियों साफ सफाई, फौगिंग, ब्लीचिंग की जाये तथा मलिन बस्तियों में नशाखोरी बन्द करने की मांग की गई l
इस अवसर पर बस्ती बचाओ आन्दोलन के संयोजक अनन्त आकाश, इन्दु नौडियाल, नुरैशा अंसारी, विप्लव अनन्त, नितिन, बिन्दा मिश्रा, पंकज, रनजीत, शबनम, सुरैशी, राजेश्वरी, सतीश,सरोज, कलावती,कमला जखमोला,सुमित्रा रावत आदि पमुख थे