नैतिक बल ही है,एड्स का हल- डॉ मनीष वर्मा” अनिल वर्मा एवं मेजर प्रेमलता वर्मा सहित अनेक सम्मानित हुए

राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान के निदेशक डॉ० मनीष वर्मा ने कहा नैतिक बल ही एड्स का हल है। जवानी के जोश में होश खो देने देने की युवाओं की प्रवृत्ति पर नैतिकता का अंकुश लगाना ही एड्स से सुरक्षित रहने का कारगर उपाय है ।
डॉ०वर्मा अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस पर एन आईईपीवीडी, राजपुर रोड के सभागार में उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति, चिकित्सा,स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशालय, उत्तराखंड शासन के संयोजन एवं यूथ रेडक्रास कमेटी के संचालन में आयोजित राज्य स्तरीय विचार गोष्ठी एवं सम्मान समारोह में यूथ रेडक्रास कमेटी के 78 स्वयंसेवियों, एनसीसी कैडेटों, एनएसएस वालंटियर्स तथा दिव्यांगजन सहित 200 युवाओं को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि एड्स एक लाईलाज जानलेवा बीमारी है, जिसका एकमात्र उपचार एड्स की जानकारी एवं नैतिक बल ही है।
इस अवसर पर उन्होंने एड्स जागरूकता एवं नियंत्रण में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों और संस्थाओं को सम्मानित किया गया।
इनमें कार्यक्रम संचालक यूथ रेडक्रास कमेटी के अनिल वर्मा तथा मेजर प्रेमलता वर्मा सहित, डीबीएस (पीजी) काॅलेज के एनएसएस अधिकारी डॉ० बिद्युत बोस, एनसीसी अधिकारी मेजर (डॉ०) देवेश सिंह , विशेष आमंत्रित अतिथि वक्ता यू० पी० ई० एस० यूनिवर्सिटी के एम० टेक० के छात्र ई० शशांक ध्यानी को शील्ड प्रदान करके विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
साथ ही डीबीएस कॉलेज के एनएसएस कमांडर अभय चौहान सहित वक्ताओं दीपिका कोठारी,अक्षत बड़थ्वाल, सागर रावत तथा ललित मोहन द्विवेदी को ट्राॅफी एवं प्रमाणपत्र प्रदान करके पुरस्कृत किया गया।
एन०जी०ओ० बालाजी सेवा संस्थान, होप संस्था, एग्नेस कुंजे , पिजिकस, रूद्रा, हंसा ग्रुप को प्रतीक चिह्न प्रदान करके सम्मानित किया गया।
इससे पूर्व मुख्य अतिथि एनआईईपीवीडी के निदेशक डॉ० मनीष वर्मा, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग देहरादून के उपनिदेशक रवि बिरजानिया, आर्मी कैंट के स्टेशन हैल्थ ऑफीसर कर्नल आलोक गुप्ता,
यूथ रेडक्रास कमेटी के अनिल वर्मा एनआईवीएच के एचओडी
डॉ० सुरेन्द्र ढालीवाल यूसेक्स के डिप्टी डायरेक्टर फायनेंस धर्मेंद्र रावत तथा संयुक्त निदेशक अनिल सती ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया।
विचार गोष्ठी का शुभारंभ संयुक्त निदेशक अनिल सती द्वारा स्वागत संबोधन एवं अतिथियों को यूसेक्स द्वारा पौध वितरण से हुआ। तत्पश्चात समस्त अतिथियों द्वारा यूसेक्स द्वारा एड्स से संबंधित महत्वपूर्ण आईसीसी मैटेरियल लीफलेट “इंटेंसिफाईड आई०ई०सी० कैम्पेन” को विधिवत् लांच किया गया।

गंभीर विषय एचआईवी एवं एड्स पर प्रवेश करते हुए यूथ रेडक्रास कमेटी के अनिल वर्मा युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि जीवन अनमोल है। उत्साह, ऊर्जा व शक्ति से भरपूर युवावर्ग अनेक बार अपने लक्ष्य से भटककर व एड्स के दुष्परिणामों की अनदेखी करके इसके चंगुल में फंस जाता है। जिसका अंत मौत के सिवा कुछ नहीं होता। नशा और सेक्स दो ऐसे मूल कारण होते हैं जिसके संयम की लक्ष्मण रेखा पार करने का खामियाजा उसे दर्दनाक मौत के रूप में भुगतना पड़ता है। अतः एड्स जैसी लाईलाज बीमारी से बचने के लिए युवाओं को असुरक्षित यौन संबंधों एवं असुरक्षित नशे से प्रति हर हाल में जागरूक , सतर्क और दूर रहना चाहिए।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तराखंड के उपनिदेशक रवि बिरजानिया ने कहा कि एचआईवी संक्रमित मां के गर्भस्थ शिशु को जन्म के समय या स्तन पान के कारण अथवा अस्पताल में भूलवश संक्रमित रक्त या संक्रमित सिरिंज के कारण एचआईवी पॉजिटिव होने की संभावना को छोड़कर एड्स जन्मजात रोग नहीं है। यह अनैतिक यौन संबंधों और नशीले पदार्थों की सिरिंजों के माध्यम से शरीर में प्रवेश करने वाला रोग है। इसका एकमात्र समाधान नैतिकतापूर्ण यौन संबंध तथा मादक पदार्थों के सेवन से दूर रहने के साथ ही दूषित रक्त चढ़ाने से पूर्व जागरूक रहना ही है।
कैंट एरिया स्टेशन हैल्थ ऑफीसर कर्नल आलोक गुप्ता ने कहा कि एचआईवी के वायरस का संक्रमण इतना क्रमबद्ध व सुसंगठित होता है कि इसे रोक पाना असम्भव होता है।एक बार शरीर में प्रवेश करने के बाद यह श्वेत रक्त कणों के टी-4 एंटीजन पर चिपक जाता है जिससे रोगी व्यक्ति के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है और रोगी मर जाता है। अतः जागरूक होकर ही इससे बचा जा सकता है।
डॉ० सुरेन्द्र ढालीवाल ने कहा कि एड्स जैसी गम्भीर बीमारी का ईलाज “कन्डोम अपनाइये” और “नई सिरिंज लगाइये” एक टेम्प्रेरी इलाज है इसका स्थाई ईलाज नैतिक मूल्यों का प्रचार प्रसार एवं ड्रग्स पर प्रतिबंध लगाना ही हो सकता है।
विशेष आमंत्रित अतिथि वक्ता इंजीनियर शशांक ध्यानी ने कहा कि पान पराग से लेकर गुटखा, तम्बाकू,व सिगरेट से शुरू होकर शराब व अन्य मादक पदार्थों की चपेट में आकर बच्चे -किशोर व युवा धीरे-धीरे बड़ा नशा करने के लिए इंजेक्शनों का उपयोग करने लगते हैं। सरकार को देश- विदेश के इस नशे के कारोबार पर गंभीरता पूर्वक विचार ही नहीं अत्यन्त कठोर कार्यवाही करनी चाहिए तभी कुछ हो सकता है वरना उत्तराखंड हो या अन्य प्रदेश भविष्य अंधकारमय ही नजर आता है।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में अनेक युवा वक्ताओं ने अपने सुझावों में पुलिस एवं प्रशासन से इसमें भरसक सहयोग प्रदान करने की बात कही बशर्ते सरकार पहले तो करे।
इस अवसर पर हंसा ग्रुप ने नुक्कड़ नाटक “एक क़दम और ” तथा बालाजी सेवा संस्थान,होप संस्था, रूद्रा तथा पिजिकस ने नुक्कड़ नाटक “परदेसी बाबू” पेशकर नशे एवं असुरक्षित यौन संबंधों के माध्यम से एड्स फैलने का मनोरंजक एवं ज्ञानवर्धक उदाहरण प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन संस्थान के प्रांगण में यूथ रेडक्रास कमेटी के अनिल वर्मा, रविन्द्र पडियार, मेजर प्रेमलता वर्मा तथा युवा सदस्यों द्वारा पौधारोपण किया गया। वृक्षारोपण कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के निदेशक डॉ० मनीष वर्मा द्वारा किया गया।
राज्य स्तरीय विचार गोष्ठी का संचालन यूथ रेडक्रास कमेटी के अनिल वर्मा तथा धन्यवाद ज्ञापन यूसेक्स के डिप्टी डायरेक्टर संजय बिष्ट द्वारा किया गया।
कार्यक्रम की सफलता में यूसेक्स के असिस्टेंट डायरेक्टर सौरभ सहगल,सहायक निदेशक ओम प्रकाश, सहा० निदेशक सुनील कुमार, स्टोर ऑफीसर जसवंत सिंह बिष्ट, प्रोक्योरमेंट आफीसर मुकेश चिनालिया डिविजनल असिस्टेंट विरेंद्र सिंह बिष्ट व जगदीश अधिकारी तथा बहादुर चंद का विशेष सहयोग रहा।

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