दसलक्षण महापर्व के पावन अवसर पर नित्य नियम पूजन और दस लक्षण महामंडल संगीत मय विधान के साथ उपाध्यक्ष श्री 108 मुनि विकसंत सागर महाराज जी के सानिध्य एवं देशना दीदी के निर्देशन में सुगंध दशमी (धूप खेवन) सभी जैन मंदिरों में मनाया गया एवं उत्तम संयम दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया,
आज उत्तम संयम एवं सुगंध दशमी पर प्रवचन में महाराज श्री ने कहा कि जैन मान्यताओं के अनुसार पर्युषण पर्व के अंतर्गत आने वाली सुगंध दशमी का काफी महत्व है। इस व्रत को विधिपूर्वक करने से मनुष्य के अशुभ कर्मों का क्षय होकर पुण्यबंध का निर्माण होता है तथा उन्हें स्वर्ग, मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दौरान जैन समुदाय शहरों/गांवों में सभी जैन मंदिरों में जाकर भगवान को धूप अर्पण करते हैं।
उत्तम संयम धर्म प्राणी-रक्षण और इन्द्रिय दमन करना संयम है। स्पर्शन, रसना, घ्राण, नेत्र, कर्ण और मन पर नियंत्रण (दमन, कन्ट्रोल) करना इन्द्रिय-संयम है। पृथ्वीकाय, जलकाय, अग्निकाय, वायुकाय, वनस्पतिकाय और त्रसकाय जीवों की रक्षा करना प्राणी संयम है इन दोनों संयमों में इन्द्रिय संयम मुख्य है क्योंकि इन्द्रिय संयम प्राणी संयम का कारण है, इन्द्रिय संयम होने पर भी प्राणी संयम होता हैं, बिना इन्द्रिय संयम के प्राणी संयम नहीं हो सकता। संध्या कालीन आरती में सभी श्रद्धालुओं ने आरती कर भजनों पर नृत्य के साथ आनंद लिया.
जिसमें रात्रि कार्यक्रमों की श्रृखंला के अंतरगत जिनवाणी जाग्रति मच द्वारा जैसी करनी वैसी भरनी विषय के अन्तर्गत वृद्धाश्रम पर अभिनव प्रस्तुति की गई जिसमे यह संदेश दिया गया की जितनी जरूरत हमे बचपन मैं माता पिता की होती है उतनी ही जरूरत बुढ़ापे मैं माता पिता को हमारी होती है। कार्यक्रम का आगाज़ जिनशासन वन्दना से हुआ तत्पश्चात दस धर्म पर कव्वाली प्रस्तुति की गई।कार्यक्रम का संचालन प्रीति जैन और मोनिका जैन ने किया।
इस अवसर पर मीडिया संयोजक मधु जैन जैन समाज नरेश चंद जैन उत्सव समिति के संयोजक आशीष जैन, अजीत जैन, सचिन जैन,कार्यक्रम में अध्यक्ष मोनिका जैन,पूर्णिमा जैन,सुनेना जैन, शेफाली जैन, ज्योति जैन, पायल जैन,सुप्रिया जैन ,जूली नीलू जैन ,प्राची जैन ,नितिन जैन, रश्मि जैन, शशि जैन , सनत जैन ,अशोक जैन रंजना जैन जेके जैन अंकित जैन बलेश जैन आदि सभी सदस्य सम्मलित हुए।