उत्तराखंड की आक्रोशित माता बहनें धामी सरकार से एक साल से एक ही सवाल पूछ रही हैं कि पहाड़ की बेटी अंकिता भंडारी को न्याय कब मिलेगा ? राज्य की सरकार व पूरी भाजपा उस वीवीआईपी को बचाने में लगे हैं जिसके बारे में स्वयं अंकिता भंडारी ने अपनी अंतिम चैट में जिक्र किया है यह आरोप आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने लगाया। अंकिता भंडारी की प्रथम पुण्य तिथि पर उनको पार्टी की ओर से श्रधंजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि सारा देश व पूरा उत्तराखंड जानता है कि अंकिता भंडारी की हत्या संघ भाजपा व उत्तराखंड की भाजपा सरकार से जुड़े परिवार के पुलकित आर्या ने की और उस के पीछे अंकिता का एक वीवीआईपी को विशेष सेवाएं देने से इनकार करना मुख्य कारण था लेकिन आज एक वर्ष बाद भी उस वीवीआईपी का नाम उजागर नहीं हो पाया क्योंकि सरकार व भाजपा नहीं चाहती कि सब को सच्चाई का पता चले और इसीलिए इस जघन्य कांड की सीबीआई जांच भी नहीं करवाई गई। श्री धस्माना ने कहा कि आज अंकिता की प्रथम पुण्य तिथि पर प्रदेश कांग्रेस एक बार पुनः राज्य सरकार से अंकिता भंडारी कांड की पूरी जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में करवाई जाय।
श्री धस्माना ने राज्य के कृषि विभाग के महानिदेशक द्वारा राज्य के सभी मुख्य कृषि अधिकारियों को लिखे उस पत्र को आधार बनाते हुए जिसमें दो वर्षों में हुई कृषि उपकरणों, खाद, बीज आदि की खरीद का ब्यौरा मांगा गया है , भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि निदेशालय को यह खबर ही नहीं है कि जिलों में कौन क्या कितने में खरीद रहा है। उन्होंने कहा कि खाद बीज व उपकरणों की खरीद की अगर जांच करवाई जाए तो यह अपने आप में एक बहुत बड़ा घोटाला निकलेगा। श्री धस्माना ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि 10 दिन पूर्व विभिन्न आरोपों के कारण मुख्य कृषि अधिकारी पौड़ी को पद से हटाते हुए देहरादून अटैच किया गया किंतु वो रिलीव तो हुए नहीं बल्कि उन्होंने हटने के आदेशों के बाद भी अपना कार्य जारी रक्खा और वे लगातार अपने संपर्कों के माध्यम से अपने पद पर बने रहने या अन्यत्र किसी जिले में स्थानांतरण की जोड़ तोड़ में लगे हैं। श्री धस्माना ने कहा कि कृषि विभाग से संबंधित अनेक अनियमितता के बारे में उनको लगातार शिकायत मिल रही हैं जिनकी पुष्टि होने पर वे खुलासा करेंगे।
श्री धस्माना ने डेंगू पर राज्य के स्वास्थ्य महकमे , स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट व नगर निगम को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बड़े बड़े दावे करने वाले स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत जी को यह नहीं पता कि कल पूरी रात बड़ी संख्या में डेंगू से बीमार लोग अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे लेकिन उनको सरकारी अस्पतालों व निजी अस्पतालों व मेडिकल कालेजों में आईसीयू तो बड़ी बात है इमरजेंसी में भी बिस्तर नहीं मिले। श्री धस्माना ने कहा कि सरकार अभी भी डेंगू को कम दिखाने की आंकड़ेबाजी में लगा है जबकि हकीकत बहुत भयानक है और अब यह बीमारी जानलेवा साबित हो रही है जिसको छुपाया जा रहा है। श्री धस्माना ने कहा कि वे बार बार अस्पतालों में जा कर अव्यवस्था नहीं फैलाना चाहते किंतु जिस तरह स्थितियां बिगड़ रही हैं वे कल मंगलवार से रोजाना दो अस्पतालों का दौरा करेंगे।
श्री धस्माना ने कहा कि ब्लड प्लेटलेट्स के जम्बो पैक महंगे होने के कारण गरीब मरीजों को परेशानी हो रही है इसलिए वे अपने ट्रस्ट देवभूमि मानव संसाधन विकास समिति एवं हंस फाउंडेशन व आईएमए ब्लड बैंक के सहयोग से ऐसे मरीजों की आर्थिक सहायता भी करेंगे।