आज जाखन में 1971 के ऐतिहासिक फोटो को सैन्य मुख्यालय से हटाने और बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया।इस प्रदर्शन का नेतृत्व प्रियंश चाबड़ा और जिला अध्यक्ष निशांत कुमार ने किया।इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने भी भाग लिया और सरकार के इस निर्णय की कड़ी आलोचना की। वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि 1971 के भारत-पाक युद्ध का ऐतिहासिक महत्व है, और उस फोटो को हटाना हमारे सैनिकों की कुर्बानियों का अपमान है। साथ ही, बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की निंदा करते हुए केंद्र सरकार से मांग की गई कि वह इस विषय पर तुरंत संज्ञान ले और अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसका समाधान निकाले।
प्रियंश चाबड़ा ने अपने भाषण में कहा कि, “यह केवल एक फोटो नहीं है, बल्कि हमारे देश के गौरवशाली इतिहास और वीर सैनिकों की गाथा का प्रतीक है। इसे हटाना सहन नहीं किया जाएगा।”
निशांत कुमार ने जोर देकर कहा कि, “बांग्लादेशी हिंदुओं के अधिकारों और सुरक्षा के लिए भारत को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। अगर इन मुद्दों पर कदम नहीं उठाया गया, तो हम बड़े स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।इसमें वरिष्ठ नेता जगदीश चौहान, दीप चौहान, अरविंद चौधरी, अर्जुन रावत, रघु गुरुंग, इंदरपाल पाली, संजू गुसाईं, विक्रम रावत, प्रदीप दुबे, राहुल भंडारी, भुवन डिमरी, अनुप सक्सेना, गुड्डू बिष्ट और नंद राम नमन कुमार विनय शर्मा अक़दस सम्शी राहुल छेत्री अमन मालिय ने व अन्य कांग्रेस जनों ने भी हिस्सा लिया।यह विरोध ऐतिहासिक विरासत और मानवाधिकारों की रक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है